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‘पहले SYL का पानी रोका, अब विधानसभा नहीं बनने दे रहे’, भगवंत मान पर भड़के CM सैनी

पंजाब से निकलकर हरियाणा के एक अलग राज्य बनने के 58 साल बाद एक बार फिर दोनों राज्य किसी मुद्दे पर आमने-सामने होते नजर आ रहे हैं। ये मामला चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा की नई इमारत के लिए जमीन आवंटन का है, जिसके विरोध में पंजाब खुलकर सामने आ गया है। इस मुद्दे पर दोनों राज्यों के नेताओं की ओर से बयानबाजियां सामने आ रही हैं। अब इस विवाद में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की भी एंट्री हो गई है।

सीएम सैनी ने पंजाब की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के नेताओं की ओर से की जा रही बयानबाजी पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए अपने समकक्ष मुख्यमंत्री भगवंत मान पर हमला बोला है। सीएम सैनी ने कहा कि चंडीगढ़ पर जितना हक पंजाब का है, उतना ही हरियाणा का भी है। पंजाब ने पहले पहले SYL का पानी रोका और अब विधानसभा नहीं बनने दे रहे। ये उनकी घटिया मानसिकता को दर्शाता है।

इस मुद्दे पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज बोले- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान साहब कहते हैं कि चंडीगढ़ हमारा है, लेकिन चंडीगढ़ तुम्हारा तब है, जब तुम हिंदी भाषी क्षेत्र हरियाणा को स्थानांतरित कर दोगे, जब हमें सतलुज यमुना लिंक (SYL) का पानी दे दोगे, जब तक ये नहीं देते हो तब तक इसके ऊपर हमारा अधिकार है। हम चंडीगढ़ में तभी तक बैठे हुए हैं। क्योंकि जो दोनों राज्यों के बीच समझौता हुआ है, पंजाब उसे लागू ही नहीं कर रहा है, तो चंडीगढ़ किस प्रकार से तुम्हारा हुआ जबकि किरण चौधरी ने कहा- चंडीगढ़ यूनियन टेरिटरी है। यहां शुरू से हमारा 60:40 का रेश्यो था। हमें तो वह भी नहीं मिला। हमने चंडीगढ़ को 12 एकड़ जमीन दी है और उसकी एवज में 10 एकड़ में हमारी विधानसभा बन रही है। इसमें पंजाब और हरियाणा, दोनों की सीटें बढ़ेंगी। इस बिल्डिंग के अंदर काम नहीं हो सकता। उसके लिए फ्यूचर प्लानिंग की जा रही है। सुनील जाखड़ के बयान पर उन्होंने कहा कि उनकी राजनीतिक मजबूरी होगी। उन्हें पंजाब की बात करनी पड़ेगी।

जानें क्या है मामला 

बता दें कि चंडीगढ़ में हरियाणा की विधानसभा को जगह देने का मामला गर्माया हुआ है। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह की अगुआई में एक दल ने पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की है। चीमा ने मुलाकात के बाद मीडिया से कहा कि, हमने चंडीगढ़ के मुद्दे को लेकर गवर्नर से मुलाकात की है। चंडीगढ़ पंजाब का है। चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है। ऐसे में हरियाणा को न तो चंडीगढ़ में विधानसभा बनाने का हक है और नहीं अन्य इमारत का। जिस तरह इको सेंसटिव जोन काे हटा दिया गया है, वह उचित नहीं है।

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