एचकेआरएनएल के एस.सी.,बी.सी. वर्ग के कर्मचारियों को हटा रही है सरकार: ईश्वर शर्मा
कहा, एचकेआरएनएल का जॉब सिक्योरिटी एक्ट ढकोसला बना

भिवानी, (ब्यूरो): कामगार कर्मचारी कांग्रेस के जिला प्रधान ईश्वर शर्मा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार एक तरफ तो एस.सी., बी.सी. वर्ग हितैषी होने का ढोंग रच रही है वहीं हरियाणा कौशल रोजगार निगम में लगे एस.सी., बी.सी.कर्मचारियों को नौकरी से हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 19 नवंबर 2024 को नायब सिंह सैनी सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम के कर्मचारियों के लिए विधानसभा में जॉब गारंटी विधेयक पास किया था। इसे भाजपा नेताओं ने ऐतिहासिक कदम बताया था और मुख्यमंत्री ने 1.20 लाख युवाओं से किए वादे को पूरा करने का दावा किया था। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पहले कर्मचारियों को नौकरी से न हटाने का वादा किया था, लेकिन अब सरकार नए कर्मचारियों की भर्ती के लिए पुराने कर्मचारियों को निकाल रही है।
उन्होंने कहा कि एचकेआरएन में कुल कर्मचारियों में से 37,404 यानी 28 प्रतिशत, अनुसूचित जाति और 41,376 (32 प्रतिशत) पिछड़ा वर्ग के कर्मचारी हैं। सरकार की वादाखिलाफी से इन सभी कर्मचारियों का भविष्य अनिश्चित हो गया है। पहले ठेकेदारों के बदलने से कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडराता था, लेकिन अब सरकार की नीतियों से उनकी नौकरी दांव पर लग गई है। कर्मचारी संगठन लगातार सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है।
ईश्वर शर्मा ने कहा कि सरकार की ओर से नए भर्ती किए गए कर्मचारियों को नियुक्ति देने के लिए पहले से एचकेआरएन के तहत रखे गए कर्मचारियों को नौकरी से हटाया जा रहा है।
नरवाना, चरखी दादरी, रोहतक सहित कई जिलों में कंप्यूटर ऑपरेटर, चौकीदार और अन्य पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को बिना नोटिस के नौकरी से निकल दिया। ये कर्मचारी न्याय की उम्मीद में दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं परंतु अधिकारी तो अधिकारी भाजपा के विधायक, मंत्री तक कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं और न ही इन कर्मचारियों की सरकार के समक्ष पैरवी कर रहे हैं।
ईश्वर शर्मा ने कहा कि अधिकतर कर्मचारी एचकेआरएन के तहत नौकरी पाने पर उनके नाम बीपीएल सूची से कट गए थे, आज वे कहीं दूसरी जगह नौकरी मांगने जाएंगे तो वहां भी नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार को अपना वायदा निभाते हुए किसी भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं हटाना चाहिए, जो पद आज भी रिक्त पड़े है उन पर नए भर्ती किए गए युवाओं को नियुक्ति दी जाए।