पलवल : पलवल अनाज मंडी स्थित इफको बिक्री केंद्र पर 5 नवंबर को सुबह 6 बजे से ही हजारों किसान खाद लेने के लिए पहुंच थे, जिस कारण सारी व्यवस्था बिगड़ गई। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले में डीएपी खाद की कोई कमी नहीं है। जबकि पलवल अनाज मंडी स्थित इफको बिक्री केंद्र पर हजारों किसानों का डीएपी खाद के लिए जमावड़ा दर्शाता है कि कितनी किल्लत है। बहरहाल किसानों को भारी मशक्कत करने पर भी खाद नहीं मिल रहा है।
गेहूं और सरसों की बिजाई के लिए डीएपी खाद की किसानों को जरूरत रहती है। बिजाई के लिए नवंबर और दिसंबर महीनों को उत्तम माना जाता है। हालांकि अगेती खेती करने वाले अक्टूबर से ही बिजाई शुरू कर देते हैं। जिसके लिए सरकार अक्टूबर के महीने से ही डीएपी खाद का प्रबंध करना शुरू कर देती है लेकिन एक साथ बड़ी मांग को पूरा करना मुश्किल हो जाता है। खाद की कमी का अनुमान लगाकर सभी किसान खाद लेने के लिए बाजार में पहुंचते हैं। जिसके कारण हर एक बिक्री केंद्र पर भारी भीड़ जमा हो जाती है। भीड़ को देखकर प्रशासन के भी हाथ पैर फूल जाते हैं। जिसके लिए पुलिस को भी बुलाना पड़ा।
बिक्री केंद्र पर लाइन में लगे किसान श्याम सिंह ने कहा है कि वह सुबह 6 बजे से ही लाइनों में लगे हैं। यहां पर जुगाड़ वाले लोग खाद लेकर चले जाते हैं और आम आदमी लाइनों में लगे रह जाते हैं। किसानों ने आरोप लगाया है कि निजी बिक्री केंद्रों पर दुकानदार 1350 रुपए के डीएपी के इकट्ठे की कीमत 1600 रुपए से ₹1700 तक वसूल रहे हैं और साथ में बीज और दवाइयां जबरन बांधकर पकडा रहे हैं। चाहे किसी को जरूरत हो या ना हो।
दुकानदार संजय सिंगला ने बताया कि देश में 60% डीएपी और रॉक पोटैशियम इंपोर्ट होता है। इस समय कई देशों में युद्ध के चलते इंपोर्ट करने में काफी दिक्कत है आ रही है। उन्होंने बताया कि किसान यदि डीएपी के स्थान पर एनपीके और एसएसपी डालना शुरू कर दें तो डीएपी की जरूरतें पूरी हो जाएगी। अब तो सरकार ने नैनो यूरिया की तरह नैनो डीएपी भी बनवाकर बाजार में उतार दिया है। लेकिन किसान डीएपी के स्थान पर किसी भी सब्सिट्यूट को अपने के लिए अभी तैयार नहीं है। यदि सब्सिट्यूट अपनाने के लिए किसान तैयार हो जाए तो देश पर डीएपी खाद के लिए दी जाने वाली भारी भरकम सब्सिडी का बोझ भी काम हो जाएगा।
कृषि उपनिदेशक डॉक्टर राकेश देव आर्य बताया कि पलवल में डीएपी खाद की कोई कमी नहीं है। भरपूर मात्रा में डीएपी किसानों के लिए उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि 1 अक्टूबर से 4 नवंबर तक 5787 मेट्रिक टन डीएपी की बिक्री हो चुकी है। जिसमें एसएसपी और एनपी भी शामिल हैं। इस समय 1970 मीट्रिक टन उपलब्ध है। और आज ही शाम तक लगभग 7770 मीट्रिक टन डीएपी खाद का रेक लग जाएगा। और कृभको का 2100 टन खाद उपलब्ध हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी किसान को निर्धारित मूल्य से अधिक रेट पर खाद मिलता है तो उसे दुकानदार की शिकायत जरूर करें। उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई होगी। ऐसे दुकानदार का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा जो किसानों से निर्धारित रेट से अधिक पैसे ले रहा है।