TET अनिवार्यता के खिलाफ 22 राज्यों के शिक्षकों का हल्ला: जंतर-मंतर पर दो दिन का जोरदार प्रदर्शन

देशभर के लाखों परिषदीय शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ अब देशव्यापी आंदोलन तेज हो गया है. सोमवार, 24 नवंबर से दिल्ली के जंतर-मंतर पर शिक्षकों का बड़ा जमावड़ा शुरू होने जा रहा है. अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले 22 राज्यों के शिक्षक संगठन 24 नवंबर को जंतर-मंतर पर पूरे दिन धरना देंगे.
वहीं मंगलवार, 25 नवंबर को नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) के नेतृत्व में शिक्षक-कर्मचारी भारी संख्या में प्रदर्शन करेंगे. उनकी प्रमुख मांगों में पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली और टीईटी अनिवार्यता को पूरी तरह समाप्त करना शामिल है. आरटीई लागू होने से पहले नियुक्त सभी शिक्षकों को टीईटी से स्थायी छूट दी गई है, लेकिन इसके बावजूद नई अनिवार्यता से नाराजगी बढ़ी है.
जंतर-मंतर पर शिक्षक-कर्मचारियों का हुजूम
यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि लाखों शिक्षक, जो 2009 से पहले नियुक्त हुए थे, पहले ही कई चयन प्रक्रियाएं पास कर चुके हैं. आज 1520 साल की सेवा देने के बाद उनसे दोबारा टीईटी पास कराने की मांग अनुचित है. उन्होंने कहा कि यह नियम तुरंत वापस लिया जाना चाहिए. एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने रविवार को दिल्ली में हुई रणनीति बैठक के बाद ऐलान किया कि हमारी लड़ाई रंग ला रही है. राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है और पंजाब में घोषणा हो चुकी है. अब केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का समय है. 25 नवंबर को जंतर-मंतर पर शिक्षक-कर्मचारियों का ऐसा हुजूम होगा कि सरकार को झुकना पड़ेगा.
देश के कोने-कोने से दिल्ली पहुंच रहे शिक्षक
रविवार को ही देश के कोने-कोने से शिक्षकों के जत्थे दिल्ली पहुंचने शुरू हो गए थे. उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब समेत तमाम राज्यों से ट्रेनें और बसें शिक्षकों को लेकर दिल्ली पहुंच रही हैं. शिक्षक संगठनों का साफ कहना है कि संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है. यह सही मौका है कि सरकार संसद में कानून लाकर टीईटी अनिवार्यता को हमेशा के लिए खत्म करे और पुरानी पेंशन बहाल करे. जंतर-मंतर पिछले कई सालों से शिक्षकों की लड़ाई का गवाह रहा है. इस बार भी 24 और 25 नवंबर को यही सड़क एक बार फिर शिक्षकों की एकजुटता और हक की आवाज से गूंजने वाली है.




