किसान को फसल पैदा करने के साथ-साथ प्रॉसेसिंग एवं पैकेजिंग पर भी देना होगा विशेष ध्यान ताकि उनकी फसल न केवल देश के विभिन्न प्रदेशों में बल्कि दूसरे देशों में भी बेची जा सके : पूर्व वित्त मंत्री जेपी दलाल
गांव गिगनाऊ में इण्डो-इजराइल परियोजना के अर्थशुष्क बागवानी उत्कृष्टता केंद्र में आयोजित दो दिवसीय मेले में प्रदेशभर से जानकारी लेने पहुंचे किसान

पवन शर्मा भिवानी, (ब्यूरो): प्रदेश के पूर्व कृषि एवं वित मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता जेपी दलाल ने किसानों से आह्वान करते हुए कहा है कि वे परंपरागत खेती को छोड़कर खेती की नवीनतम तकनीक को अपनाएं और अपनी आमदनी बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल पैदा करने के साथ-साथ प्रॉसेसिंग एवं पैकेजिंग पर भी विशेष ध्यान करना होगा ताकि उनकी फसल न केवल देश के विभिन्न प्रदेशों में बल्कि दूसरे देशों में भी जा सके। इससे फसल के दाम भी कई गुना मिलेंगे। आज हरियाणा की उपज की विदेश में भी डिमांड है। उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों के हितों के प्रति वचनबद्ध है। खेती को कभी भी किसानों के लिए घाटे का सौदा नहीं होने दिया जाएगा। पूर्व कृषि एवं वित मंत्री जेपी दलाल शनिवार को गांव गिगनाऊ में इंडो इजराइल तकनीक पर आधारित उत्कृष्ट बागवानी केंद्र पर आयोजित दो दिवसीय बागवानी मेले के प्रथम दिन शुभारंभ अवसर पर किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हजारों करोड़ की लागत से हरियाणा प्रदेश के गन्नौर में अंतरराष्ट्रीय स्तर की देश की सबसे बड़ी मंडी स्थापित की जा रही है जो किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा एक पहला प्रदेश है जो सभी फसलें एमएसपी पर खरीद कर रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की कृषि नीति को दूसरे प्रदेश भी अपना रहे हैं। बेहतर कृषि नीति की बदौलत आज हरियाणा का किसान खुशहाल हो रहा है। हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां बागवानी फसलों पर सरकार द्वारा बीमा योजना लागू किया गया है और बागवानी फसलों के लिए भावांतर भरपाई योजना भी लागू कीगई है। किसानों की खुशहाली के लिए नवीनतम खेती के उपकरण मुहैया करवाए जा रहे हैं और उपकरणों पर सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इसी प्रकार से टपका सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने किसानों से टपका सिंचाई को अपनाकर पानी की बचत करने का भी आह्वान किया।
पूर्व कृषि मंत्री ने किसानों से आह्वान करते हुए कहा कि वे बागवानी,सब्जी उत्पादन, मशरूम, मछली पालन और पशुपालन की तरफ भी ध्यान दें, सरकार द्वारा इन सभी किसान और पशुपालन से संबंधित योजनाओं पर सब्सिडी पर आधारित ऋण सहायता मुहैया करवाई जा रही है। किसान इन संबंधित विभागों के अधिकारियों से संपर्क करें और योजनाओं की जानकारी लेकर उनका लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि इंडो इजराइल तकनीक पर आधारित यह कृषि का उत्कृष्ट केंद्र आज न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान स्थापित कर चुका है। किसानों को यहां पर सस्ती दरों पर उत्तम किस्म के पौधे मिल रहे हैं, आने वाले समय में किसानों को खजूर के पौधे भी उपलब्ध करवाए जाएंगे और यह लोहारू का इलाका खजूर की खेती का नगर आएगा। उन्होंने किसानों से खजूर की खेती करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि किसानों को खजूर के पौधे भी सब्सिडी पर दिलवाए जाएंगे। पूर्व कृषि मंत्री ने किसानों से कहा कि प्रदेश व केंद्र सरकार किसानों के हितों के लिए वचनबद्ध है। किसानों को किसी भी तरह से नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। किसान के नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की सभी मंडियां बेहतर हो गई हैं, मंडियों में किसानों को सभी मूलभूत सुविधाएं मिल रही हैं। आज किसान को फसल का दाम लेने के लिए महीनों तक इंतजार नहीं करना पड़ रहा, बल्कि फसल बिक्री के 48 घंटे के अंदर किसानों के खाते में फसल के पैसे जा रहे हैं। इससे किसानों के चेहरों पर अलग ही रौनक है। इस अवसर पर उपनिदेशक डॉ आत्मप्रकाश ने बताया कि देश भर से हजारों किसानों ने बागवानी मेले में पहले दिन कृषि, बागवानी, सब्जी उत्पादन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, पशुपालन, मछली पालन, खजूर की खेती आदि की आधुनिक जानकारी ली। मेले में प्रदेश भर के कृषि, बागवानी, पशुपालन, मछली पालन के विषय विशेषज्ञ अधिकारी किसानों को आधुनिक खेती की तकनीकों के बारे में बताया। मेले में कृषि, बागवानी की खेती के लिए आधुनिक तकनीक व उपकरणों के प्रदर्शन के लिए विभिन्न विभागों व कंपनियों द्वारा 100 स्टॉल लगाई गई। सब्जियों की संरक्षित खेती पॉली हाउस एवं ओपन फील्ड में दिखाए गए। किसानों को खजूर की खेती के लिए किसानों को पौध से लेकर बाजार तक की पूर्ण जानकारी दी गई। पूर्व कृषि मंत्री श्री दलाल ने सभी स्टॉलों का अवलोकन किया। जल की कमी को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म सिंचाई के साथ फसलों का विविधिकरण बागवानी फसलों को अपनाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न बागवानी योजनाएं चलाई जा रही है। जिनका मुख्य उदेश्य प्रदेश के उपलब्ल संसाधनों का उचित प्रयोग करना एवं किसानों की आय में वृद्धि करना है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान कृषि व बागवानी विभाग के विशेषज्ञों की सलाह के अनुरूप ही बीज व खाद का प्रयोग करें। फसल में किसी भी प्रकार की बीमारी आने पर संबंधित कृषि अधिकारी से संपर्क करें। उन्होंने कहा कि सरकार खेती के बजट में निरंतर बढौतरी कर रही है। जिला भिवानी क्षेत्र में किसानों द्वारा नैट हाउस व पॉली हाउस की स्थापना की जा चुकी है।उन्होंने अपने संबोधन में किसानों को फसल विविधिकरण अपनाने पर जोर दिया। डॉ सचिन व डॉ राजेश ने बताया कि गिगनाऊ केंद्र दक्षिणी हरियाणा के शुष्क क्षेत्र की फसलों मुख्य रूप से खजूर,अमरूद, बेर, स्ट्रॉबेरी की आपूर्ति करेगा और खुले क्षेत्र में सटीक खेती और संरक्षित खेती के साथ सब्जियों के अलावा एवोकैडो आदि की नई फसलों को कवर करेगा। यहां शुष्क भूमि बागवानी को बढ़ावा देने के लिए गुणवत्तापूर्ण संकर सब्जियां और ग्राफ्टेड फलदार पौधो की आपूर्ति करने में सक्षम होगा। यहीं 17 प्रकार के अलग-अलग स्ट्रैक्चर बने हंै। जिनमें खीरा, टमाटर लाल, पीली व हरी शिमला मिर्च, चैरी टमाटर इत्यादि की फसले ली जा रही है व हाईटेक ग्रीन हाउस में किसानों को लाखों सब्जियों की पौध तैयार करके उपलब्ध करवाई जा रही है। लगभग 15 एकड़ में खुले खेत में अलग-अलग विधि के माध्यम से जैसे की मलचिंग, लो टनल, स्टैकिंग इत्यादि पर विभिन्न प्रकार की सब्जियां जैसे की घीया, करेला, तौरी, आलु, मूली, गाजर, पेठा, गोभी, बन्द गोभी, चप्पन कटू, पालक, चकुंदर व सलाद वाली सब्जिया ली जा रही है। ये सभी फसलें इजराईली तकनीक जैसे आटोमेशन, टपका सिंचाई विधि से घुलनशील खाद के माध्यम से ली जा रही है।