हरियाणा

हिसार में बनी किसानों की आफत, शाहपुर में फिर टूटी नहर, हजारों एकड़ फसल जलमग्न

हरियाणा के हिसार जिले में लगातार हो रही बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जिले के शाहपुर गांव में एक बार फिर नहर टूट गई, जिससे सैकड़ों एकड़ में खड़ी फसलें पूरी तरह डूब गई हैं। गौरतलब है कि दो दिन पहले भी यही नहर टूटी थी, जिसे ग्रामीणों ने प्रशासन की मदद से बड़ी मुश्किल से बांधा था।

खैरी गांव में जलभराव, 1000 एकड़ फसल बर्बाद

वहीं उकलाना क्षेत्र के गांव खैरी में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। ऊंचे क्षेत्रों से बहकर आया पानी अब निचले इलाकों में जमा हो गया है, जिसके चलते करीब 1000 एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। खेतों में लगभग 2 से ढाई फीट तक पानी भरा हुआ है और जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

इन खेतों में नरमा, धान, ज्वार और बाजरा जैसी मुख्य फसलें खड़ी थीं, जो अब पानी में डूबने से खराब होने लगी हैं। किसानों का कहना है कि इन फसलों को तैयार करने में उन्होंने काफी मेहनत और पूंजी लगाई थी। फसलें अब पकने के करीब थीं और अच्छी पैदावार की उम्मीद थी, लेकिन बारिश ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया।

“तीन दिन की बारिश ने सब कुछ बिगाड़ दिया”

गांव खैरी के किसान नरेंद्र खैरी, राजेश कुंडू, कृष्ण कुंडू और संदीप कुंडू ने बताया कि पिछले तीन दिनों की लगातार बारिश से खेतों में पहले ही जलभराव हो गया था। अब ऊंचाई वाले क्षेत्रों से पानी बहकर आने के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है। किसानों ने चिंता जताई कि फसलों की जड़ें पूरी तरह डूब चुकी हैं और अगर जल्द ही पानी नहीं निकाला गया तो फसलें पूरी तरह नष्ट हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस बार अच्छी पैदावार की उम्मीद थी, लेकिन अब हालात बिगड़ने से सारी उम्मीदें टूट चुकी हैं।

मुआवजा और राहत कार्यों की मांग

किसानों का कहना है कि अभी तक प्रशासन या सरकार की ओर से इस गंभीर समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने मांग की है कि गांव खैरी में जलभराव की समस्या से राहत दिलाने के लिए तुरंत कार्रवाई की जाए। साथ ही उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि प्रभावित क्षेत्रों में विशेष गिरदावरी करवाई जाए और नरमा, धान, ज्वार व बाजरा जैसी फसलों को हुए नुकसान का उचित मुआवजा जल्द से जल्द घोषित किया जाए, ताकि किसानों को आर्थिक नुकसान से उबारा जा सके।

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