बिहार

पूर्णिया में फर्जी डॉक्टर का खुलासा: बच्चों से बुज़ुर्गों तक की सर्जरी करता था, अस्पताल सील

बिहार का पूर्णिया को मेडिकल हब कहा जाता हैं, जहां बिहार के ही नहीं बल्कि बंगाल और नेपाल के मरीज भी इलाज के लिए आते हैं. इसी के चलते जिले में फर्जी नर्सिंग होम्स की भरमार हो गई है. अब बिना डिग्री वाले भी चीरफाड़ करने लगें है. ऐसे नर्सिंग होम में लगातार मरीजों की मौत हो रही हैं. इस बीच जिले के धमदाहा एसडीओ अनुपम ने एक टीम बनाकर नेहरू चौक स्थित धमदाहा हॉस्पिटल में छापा मारा, जहां महज दो कमरों में बिना रजिस्ट्रेशन के अस्पताल संचालित हो रहा था.

यहां बिना ओटी के मरीजों की सर्जरी हो रही थी. इसके अलावा, नवजात के लिए एनआईसीयू की भी व्यवस्था थी. सभी मल्टीपर्पज काम एक ही डॉक्टर कर रहा था, जबकि उसकी एमबीबीएस डिग्री भी फर्जी थी. जांच के दौरान मौके पर तीन महिलाओं का ऑपरेशन हो चुका था और तीन नवजात अस्थायी वार्ड में मिले. वहीं इलाज कर रहे डॉक्टर ने अपना नाम डॉ. बेलाल बताया.वहीं जांच टीम को डॉक्टर बेलाल ने गुमराह करने की कोशिश की.

फर्जी डॉक्टर चला था अस्पताल

रजिस्ट्रेशन के बारे में पूछने पर उसने सिविल सर्जन ऑफिस में कागजात जमा होने की बात बताई. मामले में जब सख्ती से पूछताछ की गई तो बेलाल ने फर्जी डॉक्टर होने की बात स्वीकार कर ली. जांच में सामने आया है कि तीन महीने पहले बिसपट्टी की रहने वाली निक्की कुमारी की मौत इसी अस्पताल में गलत ऑपरेशन के कारण हुई थी, जिसमें एफआईआर के बावजूद अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई.आरोपी बेलाल रजा ने निक्की की मौत के मामले में अग्रिम जमानत ले ली थी.

एसडीओ ने क्या कहा?

छापेमारी के बाद प्रभारी चिकित्सक डॉ. मनोज कुमार ने महिलाओं और नवजातों को अनुमंडलीय अस्पताल भेजा, जबकि एसडीओ ने अस्पताल को तुरंत सील कर दिया. आरोपी बेलाल रजा के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने एफआईआर करने का निर्देश दिया है. एसडीओ ने कहा कि पूरे अनुमंडल में फर्जी अस्पतालों, पैथोलॉजी और अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर बड़ी कार्रवाई जल्द होगी.

Related Articles

Back to top button