राष्ट्रीय

जम्मू-कश्मीर में बहाया खून, लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर फैसल नदीम ने कबूला… खुली पाकिस्तान की पोल

पाकिस्तान की सरजमीं पर पल रहे आतंकवाद और उसके भारतीय कश्मीर में दखल की एक और परत उजागर हो गई है. लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर फैसल नदीम ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि वह जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता रहा है. पाकिस्तान की सेना के समर्थन में हाल ही में आयोजित एक रैली के दौरान फैसल नदीम ने यह कबूलनामा किया, जिससे पाकिस्तान के उन तमाम दावों की पोल खुल गई है, जिनमें वह खुद को आतंकवाद से दूर बताने की कोशिश करता रहा है.

रैली में बोलते हुए नदीम ने कहा, “हम उन लोगों में से हैं जिनके शहीदों का खून कश्मीर के चप्पे-चप्पे पर मौजूद है. कोई गांव, कोई शहर ऐसा नहीं है जहां हमारे शहीदों का खून न बहा हो.” इस बयान से स्पष्ट है कि पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन भारत के जम्मू-कश्मीर में लगातार अपने आतंकी भेजते रहे हैं.

नदीम ने आगे कहा, “हम न तो अपने शहीदों के खून से पीछे हटेंगे और न ही अपनी हुकूमतों को पीछे हटने देंगे. जब तक कश्मीर की एक-एक इंच जमीन आज़ाद नहीं होती (यानी भारत से अलग नहीं होती), तब तक हमारा काफिला ऐसे ही चलता रहेगा.” इस बयान को विश्लेषक भारत के खिलाफ खुलेआम युद्ध और हिंसा की स्वीकारोक्ति मान रहे हैं.

हाफिज सईद का करीबी है फैसल नदीम

फैसल नदीम को लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर और संगठन के सरगना हाफिज सईद का बेहद करीबी माना जाता है. उसकी मौजूदगी और भूमिका को लेकर भारतीय खुफिया एजेंसियां पहले भी अलर्ट जारी कर चुकी हैं, लेकिन अब उसका यह सार्वजनिक बयान पाकिस्तान की भूमिका पर बड़ा सवाल खड़ा करता है.

यह कबूलनामा ऐसे समय पर आया है जब इसी साल 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाया था. भारत की ओर से उस हमले के जवाब में पाकिस्तान अधिकृत इलाकों में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई भी की गई थी. उस वक्त पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया था कि भारत झूठे बहाने बनाकर हमला कर रहा है.

पाकिस्तान की जमीन से आतंकवाद को मदद

लेकिन अब फैसल नदीम के सार्वजनिक बयान से यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान की धरती से ही आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है और उसमें सेना और सरकार की छाया में काम कर रहे संगठनों की भी भूमिका है.

भारत ने पहले ही कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन देने वाला देश बताया है. संयुक्त राष्ट्र और एफएटीएफ जैसे मंचों पर भी पाकिस्तान को आतंकवाद को पनाह देने के चलते कई बार चेतावनी और निगरानी का सामना करना पड़ा है. अब फैसल नदीम के कबूलनामे से भारत को इस मोर्चे पर और मजबूती मिल सकती है.

इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह उजागर कर दिया है कि आतंकवाद पाकिस्तान की नीतियों का हिस्सा बना हुआ है और वहां की सेना उसे खुला समर्थन दे रही है. फैसल नदीम के इस बयान को भारत के खिलाफ पाकिस्तान की घोषित लेकिन नकारात्मक रणनीति के प्रमाण के रूप में देखा जा रहा है.

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