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महाराष्ट्र NDA में हलचल के बीच फिर सामने आए एकनाथ शिंदे के ‘धर्मवीर’, क्या चुनाव में दिखाएंगे दम?

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी तेज होती जा रही है. सभी दल अपने-अपने स्तर पर चुनावी तैयारियों को मजबूत करने में जुटे हैं. राज्य में सत्तारुढ़ एनडीए गठबंधन में शामिल एकनाथ शिंदे की शिवसेना पार्टी आगामी चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने की जुगत में है. चुनाव से कुछ समय पहले धर्मवीर-2 का पोस्टर लॉन्च कर दिया गया है. फिल्म के जरिए शिंदे लोगों के बीच अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कल रविवार को मराठी फिल्म धर्मवीर-2 का पोस्टर जारी किया, जो उनके राजनीतिक गुरु और शिवसेना के दिग्गज दिवंगत आनंद दिघे पर आधारित बॉयोपिक का सीक्वल है. फिल्म का पहला पार्ट करीब 2 साल पहले साल 2022 में रिलीज किया गया था.

बगावत से पहले रिलीज हुई थी ‘धर्मवीर’

यह फिल्म एकनाथ शिंदे की शिवसेना से बगावत से पहले रिलीज की गई थी. साल 2022 के मध्य में शिंदे ने अपने समर्थक विधायकों के साथ उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी के खिलाफ विद्रोह कर दिया था. इस वजह से महाराष्ट्र में कई दिनों तक राजनीतिक अनिश्चितता बनी रही और फिर जून में महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी.

आनंद दिघे अब शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के प्रतीक बन गए हैं और उन्हें पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे के साथ प्रमुख नेताओं में से एक के रूप में पहचाना जाता है.

चुनाव से पहले धर्मवीर-2 होगी रिलीज

फिल्म धर्मवीर-2 रिलीज के लिए तैयार है. यह फिल्म राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक 2 महीने पहले 9 अगस्त को रिलीज हो रही है. फिल्म में सीएम शिंदे पर भी आधारित एक किरदार है. पोस्टर रिलीज के दौरान सीएम शिंदे ने कहा, “फिल्म के माध्यम से दिघे साहब अमर हो जाएंगे और लोगों को उनसे प्रेरणा मिलेगी.”

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह अपने गुरु के नक्शेकदम पर चलने की कोशिश कर रहे हैं. फिल्म का पहला हिस्सा साल 2022 में रिलीज किया गया था. प्रवीण तरडे द्वारा लिखित और निर्देशित इस फिल्म में प्रसाद ओक, क्षितिज दाते, मकरंद पध्ये, स्नेहल तरडे और श्रुति मराठे मुख्य भूमिकाओं में हैं.

कौन हैं आनंद दिघे

27 जनवरी 1951 को कोलाबा में जन्मे आनंद दिघे महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा नाम है और उन्हें धर्मवीर के नाम से भी जाना जाता है. वह अपने इलाके में बहुत लोकप्रिय थे. दिघे शिवसेना के वरिष्ठ नेता और ठाणे जिला इकाई के प्रमुख थे. वह 1984 में ठाणे के जिला प्रमुख बनाए गए थे. वह अपने घर पर रोजाना दरबार लगाया करते थे जिसमें शिवसेना के कार्यकर्ताओं और आम लोगों के बीच बने तनाव या विवाद को खत्म कराते थे.

आनंद दिघे ठाणे में बालासाहेब ठाकरे की हर बैठक में शामिल होते थे. फिर धीरे-धीरे वह राजनीति में आ गए. उन्होंने ही ठाणे में सालाना नवरात्रि उत्सव और पहली दही हांडी का आयोजन की शुरुआत की थी. उन्होंने ठाणे क्षेत्र के कई युवा राजनेताओं जैसे एकनाथ शिंदे, रवींद्र फाटक और राजन विचारे को तैयार किया और उनका मार्गदर्शन किया. शिंदे बाद में 30 जून 2022 को राज्य के मुख्यमंत्री बने.

आनंद दिघे अगस्त 2001 में एक सड़क हादसे में बुरी तरह से घायल हो गए थे, और इसके बाद उन्हें ठाणे स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन वहां हृदय गति रुकने की वजह से 26 अगस्त को मृत्यु हो गई थी.

लोकसभा में शिवसेना का लचर प्रदर्शन

शिवसेना विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना चाह रही है. हाल में ही खत्म हुए लोकसभा चुनाव में शिवसेना का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था. एनडीए गठबंधन में शिवसेना ने 15 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे जबकि 7 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी थी.

वहीं उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना ने इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा और 21 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे जबकि 9 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. ऐसे में विधानसभा चुनाव में शिवसेना के दोनों गुटों में किसे बड़ी जीत मिलती है ये देखने वाली बात होगी.

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