शिक्षा केवल पढ़ाई ही नहीं बल्कि एक साधना भी है: बंडारू दत्तात्रेय
विद्यार्थियों में निरंतर सीखने के साथ-साथ सकारात्मक दृष्टिकोण का होना जरूरी: राज्यपाल

भिवानी, (सोमवीर शर्मा): राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि शिक्षा केवल पढ़ाई ही नहीं बल्कि एक साधना भी है। निरंतर सीखते रहने का नाम साधना है। सीखने की कोई समय सीमा नहीं होती। विद्यार्थी को अपने जीवन में निरंतर सीखने, अनुशासन और मेहनत तथा सकारात्मक दृष्टिकोण को अपनाना चाहिए, यह सफलता व संतुष्टि दोनों में सहायक है। उन्होंने विद्यार्थियों से नई तकनीकों, कौशल विकास के साथ-साथ चरित्रवान, शीलवान तथा आशावादी होने का आह्वान किया। राज्यपाल दत्तात्रेय वीरवार को भिवानी जिले के गांव प्रेम नगर स्थित चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। लोकसभा सांसद धर्मबीर सिंह भी कार्यक्रम में शामिल हुए और अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के चलते उन्हें जाना पड़ा। समारोह के दौरान दत्तात्रेय ने 1276 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की। 48 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए, जिनमें से 43 छात्राएं थी। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की तरफ से साउथ एशियन पैरा ओलंपिक की अध्यक्ष डॉ. मल्लिका नड्डा को समाज में उल्लेखनीय कार्य के चलते डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की। राज्यपाल ने समारोह के दौरान विश्व विद्यालय की 10 साल की विकास गाथा पर आधारित स्मारिका का विमोचन किया तथा एक नई एंबुलेंस को विश्वविद्यालय को समर्पित किया। दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं है, बल्कि यह हमें बेहतर इंसान बनाती है, समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का बोध कराती है। उन्होंने कहा कि डिग्री केवल एक कागज का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह आपके कार्यों की मेहनत, अनुशासन और ज्ञान का प्रतीक है। यह वह आधार है, जिस पर आप अपने भविष्य का निर्माण करेंगे। उन्होंने समारोह के दौरान डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से कहा कि वे आज से अपने जीवन की एक नई यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं। यह यात्रा कठिन हो सकती है, लेकिन कठिनाइयों और विषम परिस्थितियों से कभी घबराना नहीं है। उन्होंने कहा कि विकसित हरियाणा के निर्माण में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. चौधरी बंसीलाल का नाम सम्मान से लिया जाता है। वे हरियाणा के आधुनिक विकास के निर्माता माने जाते हैं। उनके नेतृत्व में हरियाणा ने औद्योगिक और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की। इस विश्वविद्यालय का नाम उन्हीं के नाम पर रखा गया। यह विश्वविद्यालय उनके उस अमिट दृष्टिकोण का प्रतीक है, जो शिक्षा, नवाचार और सामाजिक उत्थान पर आधारित था। उन्होंने कहा कि चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय ने कम समय में ही अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। राज्यपाल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वर्ष 2030 तक देशभर में लागू हो रही नई शिक्षा नीति को हरियाणा में मौजूदा वर्ष 2025 में ही लागू किया जा रहा है। इसके साथ-साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्टार्टअप ने महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया जा रहा है। हरियाणा सरकार ने महिला उद्यमियों के कल्याण के लिए कई पहल की हैं। भारत में आईटी और स्टार्टअप क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। वर्ष 2030 तक भारत में आईटी क्षेत्र में दस करोड़ नौकरियां सृजित होने की संभावना है। आप इन अवसरों का लाभ उठाकर न केवल अपने लिए, बल्कि दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा कर सकते हैं। सरकार द्वारा चलाई जा रही ’स्टार्टअप इंडिया’ और ’स्टैंडअप इंडिया’ जैसी योजनाओं का लाभ उठाकर नए उद्यम शुरू करें और स्वरोजगार अपनाकर दूसरों को नौकरी देने वाले बनें।
प्रदेश के खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में सरकार खिलाडिय़ों को खेल सुविधाएं प्रदान करने पर पूरा ध्यान दे रही है। प्रदेशभर के साथ-साथ जिला भिवानी में खिलाडिय़ों को हरसंभव खेल सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि आज देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में भिवानी ने खेलों के दम पर अपना नाम कमाया है। दुनिया में खेलों का नाम हरियाणा लिया जाता है तो हरियाणा में खेलों का नाम भिवानी से लिया जाता है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में युवा का भविष्य उज्जवल है। योग्य युवाओं को बिना खर्ची व बिना पर्ची के नौकरी दी जा रही है। उन्होंने डिग्री हासिल करने वाले विद्यार्थियों को राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान देने का आह्वान किया। राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि चौ. बंसीलाल का सपना साकार करने के लिए तत्कालीन सांसद एवं वर्तमान में सिंचाई तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी ने अपने प्रयासों से चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय की स्वीकृति दिलवाई थी। यह विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो रहा है। आने वाले समय में यह विश्वविद्यालय हरियाणा में अव्वल दर्जे का होगा। उन्होंने छात्राओं से आह्वान करते हुए कहा कि वे अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएं। एक बेटी के शिक्षित होने से न केवल दो परिवार बल्कि पूरा समाज शिक्षित होता है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद खेल राज्य मंत्री से सीबीएलयू के साथ-साथ पूरा जिला भिवानी में अधिक से अधिक खेल सुविधाएं प्रदान करने की मांग की।
बवानीखेड़ा विधायक कपूर सिंह वाल्मीकि ने कहा कि शिक्षा ही उन्नति का आधार है। शिक्षा के बिना आगे बढऩे की कल्पना नहीं की जा सकती है। यह बेहद खुशी की बात है आज देश व प्रदेश में बेटा व बेटी में किसी प्रकार का अंतर नहीं रहा है। माता-पिता भी अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा हासिल करवा रहे हैं। आज बेटियों ने हर क्षेत्र में देश का मान बढ़ाया है। समारोह के दौरान विश्व विद्यालय की कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी ने अपने संबोधन से बताया कि विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के कौशल विकास को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा व्यक्तित्व विकास एवं चरित्र निर्माण पर पाठ्यक्रम बनाया है, जिसे देश के ज्यादातर विश्वविद्यालयों ने लागू किया है। विश्वविद्यालय ने सतत विकास की दिशा में कदम बढ़ाते हुए पांच गांव को गोद लेकर उनमें पुस्तकालय एवं वाचनालयों की स्थापना की है। विश्वविद्यालय ने अभी हाल ही में 12 बी का दर्जा हासिल किया है। विश्वविद्यालय में पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण, जल एवं ऊर्जा संरक्षण के साथ हर्बल गार्डन में विशेष औषधीय पौधे लगाए गए हैं। राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों को डिग्री के साथ दीक्षा के संकल्पों का पालन करते हुए आगे बढऩा चाहिए। कुलसचिव डॉ भावना शर्मा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। मंच का संचालन प्रो सुनीता भरतवाल व डॉ स्नेहलता शर्मा ने किया। इस अवसर पर उपायुक्त महावीर कौशिक, पुलिस अधीक्षक मनबीर सिंह, एसडीएम महेश कुमार, एमडीयू रोहतक के कुलपति प्रो राजबीर सिंह, शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. पवन शर्मा, उद्योगपति विपुल गुप्ता, उद्यमी डॉ रिपलिका शर्मा, पूर्व सूचना आयुक्त भूपेंद्र धर्माणी, डीएसपी आर्यन चौधरी, पूर्व कुलसचिव डॉ जितेन्द्र भारद्वाज, डॉ ऋतु सिंह, पवन कौशिक, विवेक मुदगिल, प्रदीप शास्त्री, सतनारायण मित्तल, त्रिलोक शर्मा, बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शंकर धूपड़, डॉ शिवकांत शर्मा, चेयरमैन सुंदर अत्री, डॉ सुरेंद्र शर्मा के अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन व जिला प्रशासन के लिए अनेक अधिकारी तथा गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।