हरियाणा

पढ़े-लिखे लोग भी डिजिटल एरेस्ट का हो रहे शिकार व्हाट्सअप कॉल कर वकील को डिजिटल अरेस्ट कर 16 लाख ठगे

मनी लॉन्ड्रिंग का भय दिखाकर अलग-अलग खातों में 16 लाख डलवाए साइबर पुलिस भिवानी ने चार आरोपियों को पकड़ा, 6 मोबाईल व एक लाख 52 हजार रुपये किए बरामद : सब इंस्पेक्टर साइबर विकास

क्रिप्टो करेंसी का काम करते थे पकड़े गए आरोपी, जिन खातों में ट्रांजेक्शन हुई 10 लाख साइबर पुलिस ने करवाए उल्ट : साइबर पुलिस
चाईना व कंबोडिया से होल्ड करते है डिजिटल एरेस्ट क्राईम को : पुलिस
भिवानी, (ब्यूरो): साइबर क्राईम के बढ़ते दौर में पढ़े-लिखे व्यक्ति भी इसका शिकार होने से बच नहीं पाते। ऐसा ही एक मामला भिवानी निवासी एक वकील के साथ हुआ, जब उसे डिजिटल अरेस्ट कर उससे 16 लाख रुपये की ठगी की गई। अपने आप को अंधेरी पुलिस स्टेशन का अधिकारी बताकर मनी लांड्रिंग का भय दिखाकर भिवानी के एडवोकेट मामचंद शर्मा को डिजिटल अरेस्ट करके उनके खातों से तीन अलग-अलग खातों में 16 लाख रुपये डलवा लिए। बीते 13 फरवरी की इस घटना के बाद जब पीड़ित मामचंद को महसूस हुआ कि उसके साथ बड़ी ठगी हुई है तो उसने भिवानी साईबर क्राईम में रिपोर्ट दर्ज करवाई, जिसके बाद साइबर क्राइम की टीम ने मनी ट्रेल पर काम करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया। भिवानी साइबर क्राइम के सब इंस्पेक्टर विकास ने इस बारे में बताया कि साइबर क्राइम भिवानी की टीम ने मामनचंद की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार करने के साथ ही उनसे 6 मोबाईल फोन तथा एक लाख 52 हजार रुपये नगद बरामद किए है। इसके साथ ही पकड़े गए लोगों के बताए गए खातों से 10 लाख रूपये फ्रीज करवाए है, ताकि मामले का निपटान होने पर पीडि़त को वापिस मिल सकें। उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपी भिवानी के बैंक कॉलोनी निवासी कपिल व जिले के निंगाना के गांव के निवासी अली उर्फ सोनू, राजगढ़ निवासी मोहम्मद इस्लाम व मयंक पारीक को गिरफ्तार किया है। ये लोग क्रिप्टो करेंसी का काम कमीशन बेस पर करते थे तथा डिजिटल एरेस्ट में चाईना व कंबोडिया की गैंग से जुड़े हुए थे। ये व्हाटसअप कॉल करके लोगों को मनी लांड्रिंग मामलों की धमकी देकर उनसे अपने खातों में पैसा ट्रांसफर करवाते तथा ठगी को अंजाम देते। उन्होंने आम लोगो से अपील की कि कोई भी व्यक्ति साइबर फ्रॉड से बचने के लिए 1903 नंबर पर फोन करें। उन्होंने बताया कि कानून में कभी भी डिजिटल या ऑनलाइन तरीके से पूछताछ नहीं की जाती। इसलिए कोई भी व्यक्ति पुलिस या अन्य किसी भी जांच एजेंसी का व्यक्ति बनकर आपसे पूछताछ करता है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए तथा ऐसे व्यक्ति की शिकायत साइबर क्राईम को देनी चाहिए।

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