दुष्यंत चौटाला ने चौधरी बीरेंद्र सिंह को दी खुली चुनौती, बोले- मैं आउंगा तो मैदान छोड़कर भागेंगे तो नहीं…
उचाना: पूर्व डिप्टी सीएम इस समय ताबड़तोड़ उचाना का दौरा कर रहे हैं। शुक्रवार को दुष्यंत चौटाला दूसरे दिन उचाना में थे। इस दौरान उन्होंने उचाना मंडी में लेबर शैड के नीचे लोगों को संबोधित किया। इसके अलावा बड़ौदा सहित विभिन्न गांव के दौरे किए। इस दौरान दुष्यंत चौटाला ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी चौधरी बीरेंद्र सिंह को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि मैं तो पहले से ही कहता हूं कि उचाना से चुनाव लड़ूंगा, अब उनसे पूछ लो कि वो मैदान छोड़ कर भागेंगे की नहीं। मेरे पर वो शक करते थे मुझे अपने ऊपर शक नहीं हुआ। मुझे उन पर शक होने लगा है कि ये देखते हुए कि मैं मैदान में आ गया तो कहीं वो मैदान छोड़ कर न भाग जाएं।
वहीं दुष्यंत चौटाला विनेश फोगाट को लेकर कहा हमारी बेटी, बहन ओलंपिक के फाइनल में पहुंची, लेकिन वेट की वजह से बाहर हो गई। उन्होंने कहा कि विनेश ने सेमीफाइनल जीता था। फाइनल मैच वह नहीं खेल पाई लेकिन उसे सिल्वर मेडल मिलना चाहिए और वह उसकी हकदार है। चौटाला ने कहा कि मैं ये मानता हूं कि जो सुविधाएं सिल्वर मेडल विजेता को मिलती हैं वही सारी सुविधाएं और सम्मान विनेश फोगाट को भी मिलनी चाहिए।
वहीं किसानों को लेकर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सीएम ने पिछले दिनों आढ़तियों के साथ मीटिंग करके घोषणा की कि आढ़त को 45 से 55 रुपए किया जाए। उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा झूठा वायदा आढ़तियों से किया है। प्रदेश भर के सभी आढ़ती इस बात को समझ रहे हैं कि धान की परचेज नवंबर में शुरू होगी, नवंबर तक तो अगली सरकार बन चुकी होगी। इतना ही आढ़ती के बारे में सोचते थे, ध्यान रखते थे तो जो गेहूं की फसल में जो शॉर्टेज आई उसमें छूट देनी चाहिए थी।
चौटाला ने कहा कि आज तो मिलर एवं आढ़ती के साथ धोखा करने का काम सीएम कर रहे हैं। जिस प्रकार से 10 फसलों पर एमएसपी जारी है उन 10 फसलों के अंदर किस प्रकार से मजाक किसानों के साथ सरकार कर रही है। जूट, नारियल, खरीफ की दालें ये तो हरियाणा प्रदेश में बड़े मात्रा में पैदा नहीं होती। हरियाणा के अंदर तो चार एकड़ जूट की खेती किसान नहीं करते हैं। कैसे एमएसपी के अंदर जो फसले हरियाणा के अंदर नहीं है कैसे खरीदी जाएंगी।
इस दौरान पूर्व डिप्टी सीएम ने पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के ब्रांज मेडल और नीरज चोपड़ा के सिल्वर मेडल जीतने पर बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि खेलों इंडिया में हरियाणा के साथ भेदभाव हुआ है। 40 प्रतिशत खेल इंडिया का बजट एक प्रदेश को दिया गया। लेकिन जो प्रदेश मेडल लाता है उसके बजट में कटौती की गई। ये सबने देखा है हम सब को मिलकर आवाज उठानी चाहिए। खेलों इंडिया का बराबर बजट मेडल के हिसाब से मिले।