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मनोहर लाल के कार्यकाल दलित बने स्वावलंबी और बढ़ा सम्मान : सुदेश कटारिया

चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साढ़े 9 साल के कार्यकाल में अंत्योदय उत्थान के तहत दलित स्वावलंबी बने और सम्मान भी बढ़ा। दलितों को मिशन मेरिट के आधार पर नौकरियां मिली तो गरीबों को स्वरोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता दी गई। यह उद्गार मुख्यमंत्री के चीफ मीडिया को-आर्डिनेटर सुदेश कटारिया ने नौल्था में आयोजित दलित सम्मेलन में व्यक्त किए। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल में दलित उत्थान की उपलब्धियों को गिनाया और आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा की सुशासन सरकार बनाने का संकल्प लिया। सम्मेलन में पहुंचने  पर दलित सभाओं के प्रतिनिधियों ने मुख्यातिथि सुदेश कटारिया का फूल-मालाओं के साथ स्वागत किया और संविधान निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर का चित्र भेंट कर सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री के चीफ मीडिया को-आर्डिनेटर सुदेश कटारिया ने कहा कि गरीब और अंत्योदय उत्थान की भावना के साथ काम करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने हरियाणा अंत्योदय परिवार परिवहन योजना के तहत गरीबों रोडवेज में सालाना 1000 किलोमीटर की यात्रा की सौगात दी तो स्वरोजगार के तहत हरहित स्टोर में गरीबों को प्राथमिकता दी गई। उन्होंने कहा कि दलित परिवारों की महिलाओं को स्वरोजगार के साथ जोड़ने के लिए ड्रोन दीदी से लेकर सांझा बाजार योजना के तहत स्वयं सहायता समूह के जरिये नई पहल की गई।

उन्होंने भाजपा शासनकाल के दौरान कराए गए दलित उत्थान के कार्यों को गिनाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनौती दी कि कांग्रेस शासन के 10 साल के कार्यकाल में हुए दलितों पर हुए अत्याचारों का हिसाब दें। क्योंकि कांग्रेस शासन में दलितों ने केवल दंबगई और अत्याचार ही सहे। वर्ष 2014 में जब राजनीति संत मनोहर लाल ने प्रदेश की कमान संभाली तो उन्होंने राजनीति परिपाटी को बदलते हुए हरियाणा एक-हरियाणवीं एक का नारा देते हुए दलितों को मान-सम्मान देने का कदम बढ़ाया। साढ़े 9 साल के कार्यकाल में मनोहर लाल ने दलित उत्पीड़न की शिकायतों पर त्वरित कारवाई करने के लिए अनुसूचित जाति आयोग का गठन किया तो सफाई कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए सफाई कर्मचारी आयोग की मांग को पूरा किया।

इसके साथ ही मनोहर लाल ने अपने शासनकाल के दौरान दलितों को सम्मान देने का सबसे बड़ा कार्य पदोन्नति में आरक्षण देने का किया। पहले जितने भी मुख्यमंत्री आए उन्होंने केवल अपने चेहेतों को आगे बढ़ाने का काम किया। दलितों को नजरअंदाज करते हुए उन्होंने हमेशा वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया।

दलितों ने लिया संविधान अपमान का बदला देने का संकल्प 
नौल्था में आयोजित दलित सम्मेलन में दलितों ने लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस द्वारा संविधान बदलने के नाम पर दलितों को गुमराह किया। लिहाजा दलितों ने आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से संविधान का अपमान करने का बदला लेने का संकल्प लिया। सुदेश कटारिया ने कहा कि दलितों के हितों के रक्षक और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर का कांग्रेस ने हमेशा अपमान किया। चाहे वह 1952 में उन्हें चुनाव हराना हो या फिर देश में आपातकाल लगाना। कांग्रेस ने संविधान की मूलभावना के साथ हमेशा छेड़छाड़ की। संविधान निहित मौलिक अधिकारों के हनन करने की भी कांग्रेस ने कोई कसर नहीं छोड़ी।

दलितों के हितों की कांग्रेस ने हमेशा की अनदेखी 
मुख्यमंत्री के चीफ मीडिया को-आर्डिनेटर सुदेश कटारिया ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा दलितों के हितों की अनेदखी की। उन्होंने कांग्रेस द्वारा चलाए जा रहे हरियाणा मांगे हिसाब अभियान पर पलटवार करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के 10 साल के कार्यकाल में दलितों पर हुए अत्याचार का भी हिसाब देना चाहिए। मिर्चपुर कांड से लेकर मदीना और गोहाना कांड ने न केवल हरियाणा को शर्मसार किया, बल्कि कांग्रेस ने दलितों के प्रति सोच का स्पष्ट प्रमाण भी दिया। कांग्रेस राज में प्लाट आवंटन से लेकर नौकरियों में हेराफेरी सबसे अहम रही। कांग्रेस का इतिहास दलितों के अत्याचारों से सन्ना हुआ है।

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