पितृपक्ष के सुअवसर पर नशे को छोड़ सच्चा श्राद्ध मनाए: बीके रजनी बहन

भिवानी, (ब्यूरो): बहादुरगढ़ से आई हुई बीके अंजलि दीदी ने पितृपक्ष की अमावस्या पर संस्कार परिवर्तन पर दिव्य भवन रूद्रा कॉलोनी ब्रह्माकुमारी आश्रम में चिंतन शिविर का आयोजन किया। जिसमें उन्होंने बताया कि जहां अमावस्या अंधकार का प्रतीक है जिसमें पितृ पक्ष की विदाई होती है, वहीं अमावस्या अवगुणों का भी प्रतीक है । इसीलिए अगर हम संस्कारों को परिवर्तन करें तो नवजीवन नवरात्रि ला सकते हैं और परमपिता परमात्मा शिव इस कलयुगी अमावस्या सी काली रात्रि में स्वयं अवतरित होकर हमें राजयोग के माध्यम से आत्मा के वास्तविक संस्कार पहचान उन्हें स्वयं में धारण करने की शिक्षा दे रहे हैं। बीके रजनी बहन ने भी युवाओं का आह्वान करते हुए कहा नशे रूपी अंधकार को जब तक हम नहीं मिटाएंगे ,तब तक हमारे अंदर दैवी गुण नहीं आएंगे क्योंकि नशा न केवल परिवार को खत्म कर देता है बल्कि समाज और संसार के लिए भी अभिशाप है। हमारे पूर्वज हमें हमेशा सद्गुणों से और सुख शांति से भरपूर देखना चाहते हैं तो इस पितृ पक्ष की अमावस्या पर हम नशे को छोड़े क्योंकि नशा जब मनुष्य शुरुआत करता है तो सोचता है कि मैं कभी इसका आदी नहीं बनेगा लेकिन धीरे-धीरे नशे की लत बढ़ती जाती है और शरीर को इतना खोखला कर देती है कैंसर टी.बी जैसी बीमारियां फैल जाती है । मनुष्य चाह कर भी उसे छोड़ नहीं पाता ।आज दान करने का विशेष दिवस पर नशे का दान कर आईए संसार को सुंदर स्वर्ग बनाएं। इस अवसर पर बीके अंजू, बीके शीतल, बीके वशिष्ठ, बीके दीनानाथ, बीके वैशाली सहित अनेकों बीके भाई-बहन मौजूद रहे।