संस्कार और संस्कृति एक सिक्के के दो पहलु हैं: हनुमान कौशिक

भिवानी , (ब्यूरो): आज के युवाओं को अपने बड़े बुजुर्गों के पास बैठक कर उनसे हमारी संस्कृति से संबंधित बातचीत अवश्य करनी चाहिए। इससे उनके अंदर संस्कारों की उत्पत्ति होती है। यह बात म्हारी संस्कृति म्हारा स्वाभिमान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हनुमान कौशिक ने गांव धारेडू में आयोजित सांग कार्यक्रम के दौरान उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कही। हनुमान कौशिक ने कहा कि संस्कार और संस्कृति एक सिक्के के दो पहलु हैं। जो कि हमारे बड़े बुजुर्गों के पास ही मिल सकते हैं। बुजुर्गों के पास बैठने से बहुत सी बुराई, नशा खोरी व पाश्चात्य संस्कृति से बचा जा सकता है। क्योंकि हमें अपने बुजुर्गों से सांस्कृतिक विरास्त से ही हमारे संस्कार फलीभुत होंगे। प्राय देखने में आता है सांग हमारी प्राचीन धरोवर है बशर्तें की सांग के बीच में इतिहास से अलग दुसरी चीजों का सहारा न लिया जाए जिससे सामाजिक उनमाद फैलने की आशंका हो। क्योंकि सांग एक ऐसी विधा है जिसमें धार्मिक ऐतिहासिक और पोराणिक व आध्यात्म का भी समावेश होता है। हमें ये हर कदम पर ध्यान रखना चाहिए। इस अवसर पर डा. सुरेन्द्र कादियान बड़ेसरा, नारायण शर्मा, लीलाधर शर्मा, सरपंच बजरंग, सतबीर दिनोद, जगदीश शर्मा, पूर्व सरपंच पवन शर्मा, धर्मवीर नागर समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।