हरियाणा

बीमा कंपनियों की लापरवाही, किसानों को 116 करोड़ का क्लेम नहीं मिला

चंडीगढ़: हरियाणा में प्रधानमंत्री फसार बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा कराने वाले किसानों के 116 करोड़ रुपये बीमा कंपनियों में फंस गए हैं। तीन साल से फसल खराबे के नुकसान की क्षति पूर्ति के लिए दावा (फ्लेग) कर यो इन किसानों को बीमा कंपनियां भुगतान नहीं कर रहीं। इससे भिवानी, सिरसा, मुंह और चरखी दादरी के किसान सर्वाधिक प्रभावित है। अधिकतर मामलों में फसल कटाई प्रयोगों पर विवाद है। बीमा कंपनियों को हठधर्मिता से नाराज प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को क्षेमा जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को अलैकलिस्ट करने की सिफारिश भी कर दी है।

हरियाणा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा कराने वाले किसानों के 116 करोड़ रुपये बीमा कंपनियों में फंस गए हैं।

तीन साल से फसल खराबे के नुकसान की क्षति पूर्ति के लिए दावा (क्लेम) कर रहे इन किसानों को बीमा कंपनियां भुगतान नहीं कर रहीं। इससे भिवानी, सिरसा, नूंह और चरखी दादरी के किसान सर्वाधिक प्रभावित हैं।

अधिकतर मामलों में फसल कटाई प्रयोगों पर विवाद है। हालांकि बीमा कंपनियों की हठधर्मिता से नाराज प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से क्षेमा जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश भी कर दी है। डबवाली के इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सवाल उठाते हुए पूछा था कि राज्य में पिछले तीन वर्षों 2022-23, 2023-24 तथा 2024-25 के दौरान किसानों को हुए फसल नुकसान के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमा कंपनियों के पास कुल कितनी मुआवजा राशि अभी बकाया है।

बकाया मुआवजे का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। क्या सरकार द्वारा भुगतान न करने या भुगतान में देरी करने वाली दोषी बीमा कंपनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है। जवाब में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने माना कि तीन वर्षों से बीमा कंपनियों के पास 13 जिलों के किसानों के कुल 116 करोड़ 22 लाख रुपये बकाया हैं। इनमें अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कैथल, महेंद्रगढ़, नूंह, पलवल, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा और सोनीपत शामिल हैं।

नेशनल इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) के अस्वीकृत होने, बैंक खाते बंद होने और बीमित किसानों की मृत्यु के कारण 22 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया जा सका है। उन्होंने बताया कि रबी 2023-24 के लिए सरसों, गेहूं और चना के लिए फसल कटाई प्रयोगों से संबंधित विवादों के कारण क्षेमा जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के पास 85 करोड़ 52 लाख रुपये लंबित हैं।

जिला अटका हुआ क्लेम 

भिवानी 64.55 करोड़ रुपये सिरसा 30.57 करोड़ रुपये 13.54 कारी इरुपये चरखी बदरी 7.36 करोड़ रुपये खरीफ 2024-25 के लिए क्यास के लिए इंश्योरेंस कंपनी के पास 30.47 करोड़ रुपये लंबित हैं। अब तक एग्रीकल्चर इंस्योरेंस कंपनी (एआइसी) ने सिरसा जिले में खरीफ 2014 के लिए, 79 करोड़ 4 लाख रुपये का भुगतान किया है। सिरसा के 44 गांवों से संबंधित लगभग 30 करोड़ 47 लाख रुपये के कालेम अब भी पेंडिंग हैं क्योंकि एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ने जिल्ला स्तरीय निगरानी समिति के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल की हुई है। यह प्रक्रियाधीन है। बीते तीन वितीय वर्षों में 223 किन्सानों को 14 लाख का क्लेम दिया गया है।

Related Articles

Back to top button