उत्तराखंड

सूख रही नैनी झील, सिर्फ 4.7 फीट रह गया पानी; कैसे बुझेगी नैनीताल वालों की प्यास?

नैनीताल में पर्यटन का सीजन शुरू होने वाला है. इस बीच एक चिंताजनक खबर आई है. नैनीताल की लाइफलाइन मानी जाने वाली नैनी झील का जल स्तर तेजी से नीचे गिर रहा है. इस समय नैनी झील का जलस्तर महज 4.7 फुट तक रह गया है, जो पिछले पांच साल में सबसे कम है. यह स्थिति यहां बर्फबारी में लगातार कमी होने की वजह से है. पिछले साल भी यही स्थिति देखी गई थी, हालांकि मानसून की बारिश ने इस कमी की भरपायी कर दी और झील का जलस्तर बढ़ कर 12 फुट तक पहुंच गया था.

अब दोबारा वही स्थिति बनने की वजह से स्थानीय लोग, जिला प्रशासन और राज्य सरकार चिंता में है. यह चिंता इसलिए भी बड़ी हो जाती है कि यहां पर्यटन का सीजन शुरू होने वाला है. आशंका है कि नैनी झील में पानी कम होने की वजह से पर्यटकों का रुझान कम हो सकता है. इसका सीधा असर यहां की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है. बताया जा रहा है कि इस साल सदिर्यों में बर्फबारी कम हुई. बल्कि सही मायने में देखा जाए तो महज दो दिन नौ दिसंबर और 12 जनवरी को ही बर्फबारी हुई थी.

पिछले साल मानसून में भरी थी झील

इसकी वजह से नैनी झील की कोख पिछले साल की ही तरह इस बार भी खाली रह गई. स्थानीय लोगों के मुताबिक पिछले साल बर्फबारी नहीं होने की वजह से लोग चिंतित थे, हालांकि उस समय मानसून ने लोगों की चिंता दूर कर दी थी. बल्कि लगातार और खूब बारिश होने की वजह से स्थिति ऐसी बन गई कि झील में 12 फुट से भी अधिक पानी भर गया था. ऐसे हालात में झील का लेबल मेंटेन करने के लिए सिंचाई विभाग को तीन बार झील से पानी बाहर निकालना पड़ा था.

पर्यटन सीजन शुरू होने की वजह से बढ़ी चिंता

नैनी झील के नियंत्रण कक्ष प्रभारी रमेश गैड़ा के मुताबिक झील के जल स्तर को लेकर इस बार बड़ी चिंता की स्थिति है. कहा कि झील के जलस्तर में एक तरफ तेजी से गिरावट हो रही है तो दूसरी ओर यहां पर्यटन का सीजन शुरू होने वाला है. हाल फिलहाल में यहां बारिश होने की भी कोई संभावना नजर नहीं आ रही है. ऐसे में आशंका है कि झील में पानी की कमी का असर कहीं पर्यटकों की आवक पर ना पड़ जाए.

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