ड्रग्स, शराब, रैगिंग और धमकी… जूनियर डॉक्टरों पर चलता था जुल्म, अब खुला राज
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्टिपल में लेडी डॉक्टर की मौत के बाद हर दिन नए राज खुल रहे हैं. लेडी डॉक्टर की मौत और थ्रेट कल्चर के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के बाद गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में कई सनसनीखेल खुलासे हुए हैं. आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के नेतृत्व में ड्रग्स, शराब और रैगिंग ने पूरे मेडिकल कॉलेज को अपने शिकस्त में ले लिया था और जूनियर डॉक्टरों को इनका शिकार बनाया जाता था और अस्पताल का प्रबंधन आरोपियों को संरक्षण देता था.
जांच कमेटी की रिपोर्ट में एक के बाद एक विस्फोटक जानकारियां सामने आई हैं. जांच कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरजी कर में मेडिसिन सप्लाई का सिंडिकेट काम करता था. इसमें. संदीप घोष के करीबी जूनियर डॉक्टर्स शामिल थे.
जांच समिति की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि लेडी डॉक्टर से पहले भी कई मेडिकल छात्रा यौन शोषण का शिकार हो चुकी हैं. जांच समिति ने नशीली दवाओं के कारोबार, यौन शोषण के प्रमुखों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, संदीप घोष के कार्यकाल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में नशीली दवाओं का कारोबार चल रहा था. जूनियर डॉक्टर्स को ड्रग्स और शराब खरीदने के लिए मजबूर किया जाता था.
कई छात्राओं को बनाया गया यौन शोषण का शिकार
इसके अलावा कई मेडिकल छात्रों के साथ यौन शोषण के भी आरोप हैं. और कम से कम 80 मेडिकल छात्रों ने गवाही दी है कि इस गंभीर आरोप में संदीप घोष के रिश्तेदार शामिल हैं. बता दें कि आरोपी सूची में शामिल आशीष पांडे को पहले ही सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. आरजी कर जांच कमेटी ने बाकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जरूरी जानकारी सीबीआई को सौंप दी है.
आरजी कर सूत्रों के मुताबिक, छह जूनियर डॉक्टर दवा कारोबार से जुड़े आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घो के करीबी हैं. संदीप घोष के दो करीबी डॉक्टर यौन शोषण में शामिल हैं. यह रिपोर्ट सीबीआई को भी सौंपी गई है. इस रिपोर्ट से यह संकेत मिल रहे हैं कि लेडी डॉक्टर की हत्या के पीछे गहरी साजिश थी. जांच रिपोर्ट की रिपोर्ट के बाद आरजी कर कॉलेज काउंसिल ने शनिवार को 10 लोगों को निष्कासित कर दिया है.
बात नहीं मानने पर देते थे फेल करने की धमकी
जांच कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार आरोपियों की बात नहीं मानने पर छात्रों को फेल करने की धमकी दी गई थी. उन्हें सुबह 3 बजे हॉस्टल के कमरे में बुलाया गया और शारीरिक और मानसिक यातना दी गई. किसी विशेष राजनीतिक दल में शामिल होना और उस राजनीतिक दल की बैठकों और जुलूसों में भाग लेना अनिवार्य कर दिया गया था और छात्रों के अभिभावकों को बुरा-भला कहा जाता था.
संदीप घोष के करीबी सहयोगी सौरभ पाल, आशीष पांडे, अभिषेक सेन, आयुश्री थापा, निरजन बागची, शरीफ हसन, नीलाग्नि देबनाथ, अमरेंद्र सिंह, सतपाल सिंह, तनवीर अहमद काजी समेत 10 को कॉलेज से निष्कासित किया गया है. 10 आरोपियों में से कुछ पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है.
हालांकि, कॉलेज काउंसिल ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कितने लोगों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था. 10 आरोपियों पर एंटी बैगिंग कमेटी कार्रवाई करेगी. 10 आरोपियों को 72 घंटे के अंदर हॉस्टल छोड़ने का आदेश दिया गया है. इसके अलावा, नामों की सूची पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल को भेजकर उनका पंजीकरण रद्द करने की सिफारिश की जाएगी. नामों की सूची राज्य शिकायत प्रकोष्ठ को भी भेजी जाएगी. यहां तक कि उन डॉक्टरों के अभिभावकों को भी बुलाया जाएगा.