नशे से जंग, महेन्द्रगढ़ के संग थीम पर आरपीएस में नशा मुक्ति पैनल चर्चा
नशा मनुष्य की सोच व समझ को खत्म करता है: नीलम कुमारी
महेन्द्रगढ़, (ब्यूरो): हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से जारी दिशा निर्देश अनुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत नशा उन्मूलन विषय पर आज आरपीएस स्कूल महेन्द्रगढ़ में श्रीमती हस्ती देवी जनकल्याणार्थ समिति के सहयोग से एक प्रभावशाली पैनल चर्चा का आयोजन किया। कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नीलम कुमारी ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ पवित्रा राव ने की।
कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए उन्हें नशामुक्त जीवन की ओर प्रेरित करना था।
इस अभियान के तहत विद्यालयों, महाविद्यालयों, पंचायतों एवं सार्वजनिक स्थलों पर जागरूकता कार्यक्रम, विधिक साक्षरता शिविर, संवाद सत्र एवं युवाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, जो एनएमबीए के उद्देश्यों के अनुरूप होंगे।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नीलम कुमारी ने नशे से संबंधित कानूनों, एनडीपीएस अधिनियम तथा नशे के कानूनी परिणामों पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हालसा एवं एनएमबीए के सहयोग से डीएलएसए की ओर से एक माह तक चलने वाला विशेष जागरूकता अभियान संचालित किया जाएगा।
इस मौके पर डॉ. पवित्रा राव, चेयरपर्सन, आरपीएस ग्रुप ने कहा कि शिक्षण संस्थान नशा मुक्त भारत अभियान के लक्ष्यों को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि जागरूक और संस्कारित युवा ही स्वस्थ समाज की नींव हैं।
जिला युवा अधिकारी नित्यानंद यादव ने कहा कि युवा शक्ति एनएमबीए की रीढ़ है। खेल, योग, कौशल विकास एवं स्वैच्छिक सेवा से जुडक़र युवा प्राकृतिक रूप से सकारात्मक ऊर्जा विकसित कर सकते हैं और नशे से दूर रह सकते हैं।
प्रशिक्षु न्यायिक अधिकारी गौरव ने नशे के कारण बढ़ते अपराधों एवं सामाजिक अव्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हालसा एवं डीएलएसए द्वारा संचालित विधिक जागरूकता कार्यक्रम नशा रोकथाम में प्रभावी सिद्ध हो सकते हैं।
प्रशिक्षु न्यायिक अधिकारी राकेश कुमार ने युवाओं से अपील की कि वे एनएमबीए से जुडक़र नशे के विरुद्ध जागरूकता फैलाएं और कानून के पालन के साथ सामाजिक जिम्मेदारी निभाएं।
प्रोफेसर पायल के. चंदेल, विभागाध्यक्ष (मनोविज्ञान), केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा ने नशे के मनोवैज्ञानिक कारणों, तनाव एवं अवसाद पर चर्चा करते हुए कहा कि मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता नशा मुक्त भारत अभियान की सफलता का एक महत्वपूर्ण आधार है।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी प्रतिभागियों, युवाओं और आयोजकों को “नशा मुक्त भारत” की शपथ (नशा मुक्ति शपथ) दिलाई गई, जिसमें सभी ने स्वयं नशे से दूर रहने तथा हालसा एवं डीएलएसए तथा एनएमबीए के के साथ मिलकर समाज को नशामुक्त बनाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में मंच संचालन सुश्री पूर्वा ने किया। प्राचार्य किशोर तिवारी, प्रवीण राव और मनोज कुमार की मुख्य भूमिका रही। कार्यक्रम अत्यंत प्रेरणादायक एवं संवादात्मक रहा। आयोजकों ने भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से नशा मुक्त महेन्द्रगढ़ के लक्ष्य को साकार करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।




