हरियाणा

जिले की 41 पुरानी नहरों के पुनर्निर्माण को मंजूरी, मसौदा प्रशासनिक स्वीकृति के लिए भेजा गया

भिवानी। जिले की करीब चार दशक पुरानी 41 नहरों का पुनर्निर्माण व सुधार किया जाएगा। नहरों के रिमॉडलिंग कार्य को तकनीकी मंजूरी मिल चुकी है और अब इसका पूरा मसौदा प्रशासनिक स्वीकृति के लिए मुख्यालय भेज दिया गया है। यमुना जल सेवाएं परिमंडल के तहत आने वाली मुख्य नहरों के साथ माइनर व सब माइनर के ढांचे में बदलाव कर क्षमता बढ़ाई जाएगी। नए डिजाइन में पहले से अधिक पानी बहाव की क्षमता सुनिश्चित की जा रही है। इससे जलघरों के टैंकों तक पर्याप्त आपूर्ति होगी और टेल तक भी अधिक पानी पहुंचेगा।

वर्तमान में नहरी पानी शेड्यूल के अनुसार 32 दिन में एक बार सप्ताहभर के लिए पानी मिलता है जबकि अधिकांश जलघरों के टैंक 27 दिन में ही खाली हो जाते हैं। गर्मी के मौसम में यह कमी सबसे ज्यादा महसूस होती है। रिमॉडलिंग के तहत लाखों की लागत से नहरों की लाइनिंग की मरम्मत, संरचनाओं का पुनर्वास, पाइप लाइन बिछाने, हेड रेगुलेटर, साइफन, पुलिया और आउटलेट की मरम्मत कराई जाएगी। इससे नहरों के रिसाव रोका जा सकेगा और पानी की उपलब्धता निर्बाध रहेगी। परियोजना पर लगभग 315 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इससे भिवानी, रोहतक, जींद, चरखी दादरी, रेवाड़ी, सोनीपत और करनाल जिलों के किसानों को लाभ मिलेगा।

यमुना वाटर सर्विस सर्कल भिवानी में 41 नहरी परियोजनाओं को मंजूरी मिली है जबकि लोहारू वाटर सर्विस सर्कल के सात कार्य नाबार्ड की वित्तीय सहायता से पूरे किए जाएंगे। यह नहरें लगभग 40 वर्ष पहले बनाई गई थीं।

जिले की इन नहरों पर होगा रिमॉडलिंग व पाइप डालने का काम
नहर का नाम — संभावित बजट (लाख रुपये में)
भारीवास माइनर – 269.33
रोढा माइनर – 177.53
मंढाण सब माइनर – 82.13
मालवास माइनर – 62.90
दिनोद सब माइनर – 288.96
राजपुरा माइनर – 189
भुरटाना माइनर – 1094.17
बागनवाला माइनर – 182.31
न्यू सागवान माइनर – 767.31
खांडाखेड़ी माइनर – 70.32
झुल्ली सब माइनर – 533.67
गुढा माइनर – 139.94
छपार माइनर – 1002.25
रिवासा सब माइनर – 154.26
ढाणीमाहू सब माइनर – 135
पाथरावाली सब माइनर – 157.78
चेनपुरा माइनर – 263.68
शिमलीवास सब माइनर – 116.42
जूई माइनर – 116.22
राजगढ़ माइनर – 167.53
वन.आर सब माइनर – 109.61
ढांगर माइनर – 138.72
पाथरवाली माइनर पाइपलाइन – 952.50
निंगाना माइनर – 607.31
संडवा सब माइनर पाइपलाइन – 136.58
बजीना माइनर – 789.88
संडवा सब माइनर – 606.74
भैरा माइनर – 543.41
दरियापुर माइनर – 438.92
बालावास माइनर – 228.82
कुसुंभी सब माइनर – 172.30
कोहाड़ सब माइनर – 68.17
जताई माइनर – 60
निमड़ीवाली सब माइनर – 674.70
गारनपुरा माइनर – 496.36
कैरू माइनर – 70
दरियापुर डिस्टीब्यूटरी – 242.60
मिरान डिस्टीब्यूटरी – 631.62
मिरान सब माइनर – 401.80
मिताथल फीडर – 5300
तडवंडी बादशाहपुर – 459.97

जिले के 250 से अधिक गांवों को मिलेगा लाभ

सिंचाई विभाग के यमुना वाटर सर्विस सर्कल भिवानी और लोहारू वाटर सर्विस सर्कल के अंतर्गत माइनर व सब माइनर से करीब 250 से अधिक गांवों की पेयजल जरूरतें पूरी होती हैं। लगभग छह लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र सिंचित होता है। रिमॉडलिंग कार्य पूर्ण होने के बाद इन गांवों तक जलघरों के टैंकों में पर्याप्त पानी पहुंचेगा और सिंचाई के लिए नहरी पानी की उपलब्धता बेहतर होगी। कई गांवों में भूजल स्तर अत्यधिक नीचे है और पेयजल गुणवत्ता उपयुक्त नहीं है, ऐसे में नहरी जल आपूर्ति ही मुख्य आधार है।

किसानों के खेतों में आखिरी छोर तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए सरकार नहरों की रिमॉडलिंग करा रही है। पूरे प्रदेश में नहरों के पुनर्निर्माण एवं सुधार कार्य पर सरकार 315 करोड़ का बजट खर्च करेगी। अकेले भिवानी जिले में दो सर्कलों की करीब 48 माइनर, सब माइनर और डिस्ट्रीब्यूटरी का पुनर्निर्माण एवं सुधार कराया जाएगा। जिसके लिए जल्द ही मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर काम शुरू कराया जाएगा। मेरे दादा पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल ने नहरों का जाल बिछाया था जिसे अब व्यापक स्तर पर सुधार और विस्तार देते हुए इनकी क्षमता बढ़ाई जा रही है। इससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव की समस्या भी कम होगी। – श्रुति चौधरी, कैबिनेट मंत्री, सिंचाई एवं महिला बाल विकास विभाग

यमुना वाटर सर्विस सर्कल की 41 माइनर व सब माइनर रिमॉडलिंग कार्य की मंजूरी मिल चुकी है। प्रशासनिक स्वीकृति के लिए मसौदा मुख्यालय भेजा गया है। नाबार्ड की वित्तीय सहायता से इन परियोजनाओं पर कार्य कराया जाएगा। प्रशासनिक स्वीकृति मिलते ही नहरों के पुनर्निर्माण व सुधार की ड्राइंग तैयार कर टेंडर व वर्क ऑर्डर जारी किए जाएंगे। रिमॉडलिंग के बाद टेल तक पानी पहुंचाने में सुविधा होगी और अधिक किसानों को लाभ मिलेगा।

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