न्यूज़ डेस्क उत्तरप्रदेश। नोएडा। विवेक भाटिया। उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर में एक से बढक़र एक प्रतिभा निवास करती है। नोएडा की इन्हीं प्रतिभाओं में डा. यू.पी. सिंह का नाम खूब फैल रहा है। नोएडा के सेक्टर-108 के मकान नम्बर डी-104 में रहने वाले डा. यू.पी. सिंह बिना किसी दवाई के हर प्रकार की बीमारी का ईलाज करते हैं। डा. यू.पी. सिंह (Dr. U.P. Singh) से ईलाज कराने के लिए नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा समेत पूरे NCR के मरीज नोएडा में उनके आवास पर आतेहैं। इस संवाददाता की बातचीत से आप भी जान जाएंगे नोएडा के प्रसिद्ध डा. यू.पी. सिंह को।
बिना दवाईयों के खुशियां लौटाते डा. यू.पी. सिंह
डॉ. यू.पी. सिंह (Dr. U.P. Singh) का बचपन तथा शिक्षा अंबाला में हुई लेकिन जीवन को आगे बढ़ाने के लिए वे दिल्ली आ गए। यू पी सिंह एक्यूपंचर तथा एक्यूप्रेशर विशेषज्ञ हैं उन का कहना है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। जिंदगी में आगे बढऩा है तो सीखते जाए तथा जो सीखा है उसका इस्तेमाल करते हुए रोगियों को स्वस्थ भी करें। उन्होंने 3 मिनट में फ्रोजन शोल्डर ठीक करने का अवार्ड भी प्राप्त किया है। यही कारण है कि उनको अपना पता किसी को बताने की आवश्यकता नहीं पड़ती उनके ठीक हुए मरीज ही एक दूसरे को उनका पता देते हैं। अपने इसी कार्य में लगे हुए वे दिल्ली से नोएडा सेक्टर 108, 104 डी अपने निवास में शिफ्ट हो गए। उनके क्लीनिक में सुबह से ही मरीज स्वस्थ्य लाभ की उम्मीद में दूर दूर से आते हैं। अपूर्वा जो की सेक्टर-79 से आई थीं। उनसे यू.पी. सिंह ने पूछा मैडम के कुर्ते का रंग तो बताइए। मैंने हरे और क्रीम रंग का कुर्ता पहन रखा था। अपूर्वा बोली क्रीम। उनकी आंखें अत्यधिक सुंदर वजन बहुत ही ज्यादा बढ़ा हुआ देखकर बहुत अजीब लग रहा था। उनसे बातचीत में पता चला कि करोना के दौरान अपूर्वा के सारे ऑर्गन्स ने काम करना बंद कर दिया था। बहुत समय तक वे आई.सी.यू में रही दिखाई देना तक बंद हो गया बाकी ऑर्गन्स भी ऐसे ही काम कर रहे हैं अब यू पी सिंह के पास इलाज ले रही हैं जिन्हें कुछ भी नहीं दिखाई देता था आज वे क्रीम कलर को देख पा रही थी। उन्हें उम्मीद है श्री सिंह उन्हें फिर स्वस्थ कर देंगे और वह खुद ड्राइव करके आ जा सकेंगी मुझे यह तो पता था कि क्लीनिक में पेशेंट ही मिलेंगे पर किसी भी आयु वर्ग के कुछ लोग इतने दर्द में जी रहे हैं। यह मुझे इनकी क्लीनिक पर आकर ही पता चला। यू पी सिंह जी ऊर्जा के प्रवाह तथा उसको कैसे नियंत्रित करना है के विशेषज्ञ है वे जानते हैं कि स्लिप डिस्क या बुरी तरह से सूजी मोटी टांगों या अत्यधिक वजन या कमर के निचले हिस्से में काफी दर्द या जिसकी गर्दन इधर-उधर नहीं देख सकती बिल्कुल सीधी है। सुबह से शाम तक की ड्यूटी करने के कारण पीठ का दर्द माइग्रेन के साथ लोग कैसे जीते हैं उन्हें इनसे कैसे निजात दिलवाई जाए इस पर उनकी पूरी विशेषज्ञता है। यही कारण है कि वहां पर लाइन से दर्द के रोगी उल्टे लेटे हुए थे। श्री सिंह मुझसे बातचीत करते जा रहे थे उनके हाथ अपना काम कर रहे थे जो कि अत्यधिक सधे हुए थे उनकी आंखें एक्यूपंक्चर की सुइयों पर थीं उंगलियां बहुत ही तरीके से अपना काम कर रही थी और दिमाग पूरे क्लीनिक में हर पेशेंट पर था सहायक मदद कर रहे थे लेकिन वे हर किसी को अपनी पूरी तवज्जो दे रहे थे।
वहीं मुझे एक मरीज पृथ्वी चौहान मिले जो कि सिर्फ (20 वर्ष) की आयु में जिम में हुई स्लिप डिस्क के कारण बिल्कुल बेड पर सिमट गए थे। उन्हें डॉक्टरों ने कहा था कि उनका यदि ऑपरेशन ना हुआ तो वह दैनिक क्रियाओं के लिए भी स्वयं नहीं आ जा सकेंगे। उन्हें खाना भी उनकी मम्मी ही खिलाती थी। बिस्तर पर लेटे हुए लेकिन आज पृथ्वी 20 साल का युवा मेरे सामने खड़ा था 5 दिन पहले की उसकी फोटो इसका प्रमाण थी।
एक्यूप्रेशर तथा एक्युपंचर द्वारा दिए गए इलाज से उसकी स्लिप डिस्क ठीक हो गई थी आज खुद गाड़ी चला कर अपनी माता जी को डॉक्टर सिंह से मिलाने लाया था उसकी माताजी को भी स्लिप डिस्क थी। सुशील कुमार जो कि बैंक एम्पलाई हैं । उनकी गर्दन से पीठ तक सर्वाइकल का कॉलर लगा था। दर्द में थे उन्होंने बताया कि वे दिल्ली से आए हैं। आज उनकी तीसरी सिटिंग है। वह काफी स्वस्थ महसूस कर रहे थे। इसी प्रकार राजेश नारंग नोएडा के सेक्टर-100 से आए थे। वे अपनी गर्दन दाये -बाय कहीं भी नहीं घूमाँ सकते थे। तीसरे दिन वे भी अपनी गर्दन घुमा पा रहे थे। श्रीमती परमजीत जिनकी टांगे एलिफेंटा बीमारी के पेशेंट की तरह पूरी तरह से मोटी सूजी हुई थी बड़ी तकलीफ से चलकर आई थी। उनकी आज तीसरी सिटिंग थी। उनकी लगभग 50% सुजन जा चुकी थी।
डा. यूपी सिंह का मानना है कि हम हर चीज के लिए दवाइयों की ओर भागते हैं। जबकि सभी रोगों का इलाज खाली दवाइयां नहीं है। जैसे दर्द के लिए पेन किलर कितने पेन किलर खाएंगे उसके शरीर पर अत्यधिक साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। अत: सिंह जी ऊर्जा के प्रवाह के नियंत्रण से मरीजों को दर्दों से निजात दिलवा रहे हैं। एक्यूप्रेशर या एक्यूपंक्चर से बिना दवाइयों के लोगों को ठीक कर रहे हैं। चीन से शुरू हुई इस पद्घति से आज पश्चिमी देश भी विशेष कर पीठ के दर्द, माइग्रेन इत्यादि के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। डा. यूपी सिंह एक्यूप्रेशर, एक्यूपंचर, मर्म थेरेपी, अर्थ थेरेपी, कपिंग थेरेपी, मैग्नेट थेरेपी आदि थेरेपी से बिना दवाइयां के इलाज कर रहे हैं।
नोएडा में फ्री हेल्थ कैंप भी लगाते हैं
अपनी क्लीनिक के अलावा डा. यूपी सिंह लगभग हर रविवार को पंजाबी समाज के सहयोग से नोएडा के विभिन्न कम्युनिटी सेंटरों में फ्री हेल्थ चेकअप कैंप लगा रहे हैं। जिसमें वे अब तक लगभग 600 मरीजों को ठीक कर चुके हैं। आगे भी उनके कैंप ऐसे ही जारी रहेंगे। श्री सिंह जी का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति दर्द में है तो वह अन्य किसी भी काम पर अपने आप को कंसंट्रेट नहीं कर पाएगा ध्यान सिर्फ दर्द पर ही रहेगा। इसलिए मुझे नोएडा को दर्द मुक्त करना है। चाहे मैं फ्री हेल्थ चेकअप कैंप लगाऊं या कोई मेरे क्लीनिक पर आए। नोएडा पंजाबी समाज के महासचिव टी एस अरोड़ा जी का कहना है कि हम उनके लिए नोएडा के कम्युनिटी सेंटरो में इंतजाम करते हैं और डा. यूपी सिंह बिना किसी ना नू कर के फौरन अपनी पूरी टीम के साथ वहां फ्री इलाज के लिए लगभग हर रविवार अपनी मशीनों और टीम के साथ उपस्थित रहते हैं। पिछले फ्री कंपों में इन्होंने बिना दवाइयां के 600 से ज्यादा लोगों का उपचार किया है। इसी तरह आगे भी वे कई फ्री कैंप का आयोजन कर रहे हैं।