जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण फरीदाबाद द्वारा बाल यौन अपराधों पर कार्यशाला आयोजित

फरीदाबाद, (ब्यूरो): जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण फरीदाबाद द्वारा रीतु यादव मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी-कम-सचिव जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण फरीदाबाद के कुशल निर्देशन एवं गरिमामयी उपस्थिति में बाल यौन अपराधों पर एक व्यापक कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला शक्ति वाहिनी नामक प्रतिष्ठित गैर-सरकारी संगठन के सहयोग से कॉन्फ्रेंस हॉल, नई न्यायिक इमारत, जिला न्यायालय परिसर में आयोजित की गई। कार्यशाला का उद्देश्य बाल यौन शोषण के मामलों में संस्थागत प्रतिक्रिया को सशक्त बनाना एवं अभियोजन और न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े सभी हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय को प्रोत्साहित करना था। कार्यक्रम की शुरुआत श्री निशिकांत, कार्यकारी निदेशक, शक्ति वाहिनी द्वारा सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए की गई। सुश्री सुरभि शिव पुरी अधिवक्ता एवं कानूनी अधिकारी शक्ति वाहिनी ने अपने संबोधन में पीडि़ता के परिवार और लोक अभियोजक के बीच संवाद की कमी की समस्या को रेखांकित किया। उन्होंने विशेष रूप से यह ज़ोर देकर कहा कि जमानत याचिका की कार्यवाही के समय पीडि़ता के परिवार को यथाशीघ्र सूचित किया जाना अत्यंत आवश्यक है ताकि पारदर्शिता बनी रहे और पीडि़त परिवार मानसिक रूप से तैयार रह सके। रीतु यादव सीजेएम -कम-सचि डीएलएसए फरीदाबाद ने गवाह संरक्षण योजना एवं हरियाणा पीडि़त मुआवजा योजना के प्रावधानों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि पूरे विधिक प्रक्रिया के दौरान पीडि़तों और गवाहों की गरिमा एवं सुरक्षा बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। इसके अतिरिक्त सतेंद्र कुमार जिला अटॉर्नी एवं सुरेश चौधरी विशेष लोक अभियोजक द्वारा बाल यौन अपराधों से संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत मामलों की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा सामना की जाने वाली विभिन्न चुनौतियों जैसे साक्ष्य संबंधी कठिनाइयाँ, प्रक्रिया में देरी तथा बाल गवाहों की भावनात्मक संवेदनशीलता आदि पर गहन चर्चा की गई।
कार्यक्रम का समापन रविंदर गुप्ता मुख्य बचाव अधिवक्ता डीएलएसए द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।