बीआरसीएम ज्ञानकुंज स्कूल, बहल में “एक शाम राष्ट्र के नाम” कार्यक्रम का आयोजन
बाबा सत्यरानायण मौर्य ने राष्ट्रवाद व देशभक्ति की छटा बिखेरी

बहल (अजीत सिंगल): बीआरसीएम शिक्षण समिति के तत्वावधान में बुधवार की संध्या बीआरसीएम ज्ञानकुंज विद्यालय, बहल का प्रांगण राष्ट्रभक्ति और सांस्कृतिक भावनाओं से सराबोर हो उठा। अवसर था—एक शाम राष्ट्र के नाम का, जो केवल एक सांस्कृतिक संध्या ही नहीं, बल्कि कला, संस्कृति और समाजसेवा का अनुपम संगम बन गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन और वंदना के साथ हुआ। दीपों की आभा ने पूरे परिसर को आलोकित कर दिया और वातावरण भारतीयता तथा संस्कारों की पावन छटा से भर गया। उद्घाटन अवसर पर गूंजती पंक्तियाँ—”पहले केवल देश है, सब कुछ उसके बाद; शब्द-शब्द से फूटता राष्ट्रवाद का नाद”—ने संध्या को और भी प्रेरक बना दिया।
इस सांस्कृतिक महोत्सव के मुख्य आकर्षण रहे कवि, साहित्यकार एवं चित्रकार बाबा सत्यनारायण मौर्य। बीआरसीएम शिक्षण समिति के चेयरमैन हरिकिशन चौधरी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, निदेशक डॉ. एस.के. सिन्हा ने बाबा मौर्य का परिचय कराते हुए उन्हें भारत की सांस्कृतिक धरोहर की संज्ञा दी। जैसे ही बाबा मौर्य मंच पर पहुँचे, पूरा सभागार भारत माता की जय और वंदे मातरम् के उद्घोषों से गूंज उठा। विद्यार्थियों ने तिरंगे के साथ उनका अभिनंदन किया।
बाबा मौर्य ने मंच पर अपनी अद्भुत कला का प्रदर्शन करते हुए छत्रपति शिवाजी, स्वामी विवेकानंद, हनुमानजी, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और भारत माता के सजीव चित्र साकार किए। इन्हें देखकर दर्शक भावविभोर हो उठे। उनकी कविताओं, गीतों और उद्घोषों में राष्ट्रभक्ति का ऐसा उत्साह था जिसने जन-समुदाय के हृदय को आंदोलित कर दिया।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि जीवन में कोई भी कार्य कठिन नहीं है। दृढ़ संकल्प और परिश्रम के साथ आगे बढ़ा जाए तो हर असंभव कार्य भी संभव हो सकता है। उन्होंने शिव तांडव स्तोत्र का सशक्त पाठ सुनाकर वातावरण को ऊर्जावान बना दिया। साथ ही, प्रेरणादायक गीतों की पंक्तियों के माध्यम से विद्यार्थियों को जीवन में उत्साह और दृढ़ता के साथ आगे बढऩे का संदेश दिया। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने संध्या की शोभा को और बढ़ा दिया। विद्यालय के विद्यार्थियों और स्थानीय कलाकारों ने देशभक्ति गीतों व नृत्यों से सभी का मन मोह लिया। है प्रीत जहाँ की रीत सदा, मैं गीत वहीं के गाता हूँ और मेरा जूता है जापानी जैसे गीतों पर पूरा सभागार झूम उठा। हर प्रस्तुति ने राष्ट्रप्रेम की भावना को और प्रखर कर दिया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विक्रम स्वरूप अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, पहाड़पुर कूलिंग टावर्स लिमिटेड, कोलकाता उपस्थित रहे। उनके साथ बिंदु स्वरूप, सुषमा चौधरी , उर्मिला चौधरी, उषा सिन्हा, सत्यनारायण चौधरी, सुरेंद्र चौधरी अशोक चौधरी, सागरमल केडिया, गजानंद अग्रवाल, एडवोकेट राजपाल गाढ़ा, सुशिल केडिया, बीआरसीएम शिक्षण समिति की विभिन्न संस्थाओं के प्राचार्य, शिक्षक, कर्मचारी, छात्र एवं बहल गाँव के प्रबुद्ध नागरिक और अनेक समाजसेवी भी शामिल हुए।