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क्या दिल्ली में इन 3 वजहों से हार गई AAP, समीक्षा में क्या निकला?

दिल्ली विधानसभा के चुनावी रिजल्ट के बाद शुरुआती समीक्षा में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार के तीन कारण सामने आए हैं. लगातार 10 सालों तक दिल्ली की सत्ता पर काबिज रहने के बाद आम आदमी पार्टी को मिली बड़ी हार के पीछे यूं तो कई कारण हैं लेकिन, इसके पीछे 3 ऐसी बड़ी वज़ह भी रहीं हैं जिनकी वजह से पूरा चुनाव ही पलट गया. दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 22 सीटों पर जीत मिली. साथ ही अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया सहित आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेता अपनी-अपनी सीट पर चुनाव हार गए.

केंद्रीय बजट में लोगों को मिली राहत ने बढ़ाई AAP की आफत!

दिल्ली में वोटिंग से ठीक पहले पेश हुए आम बजट में टैक्स पेयर्स को 12 लाख रुपए की आय पर ज़ीरो टैक्स के ऐलान और उसका मिडिल क्लास पर असर को भांपने में आम आदमी पार्टी असफल रही.

झुग्गी वालों ने AAP को नहीं दिया आसरा!

दिल्ली में इससे पहले के 3 चुनावों में झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोग AAP के कोर वोटर रहे हैं. लेकिन ये वोटर भी आम आदमी पार्टी से छिटक गया. AAP सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी इस बार धनबल के जरिए इस झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले वोटर्स के एक तबके में भी सेंध लगाने में कामयाब हुई.

आखिरी वक्त दी ढील!

आम आदमी पार्टी के रणनीतिकारों के मुताबिक, चुनाव अभियान के आखिरी दिनों में खासतौर पर नामांकन के बाद AAP की इनडोर मीटिंग ना करना भी हार की एक बड़ी वजह बना. सूत्रों के मुताबिक, मिडिल क्लास वोटर्स को साधने के लिए पिछले चुनावों में इनडोर मीटिंग कारगर साबित होती रही हैं.

अब आगे क्या करेगी AAP?

दिल्ली चुनाव में मिली हार के बाद आम आदमी पार्टी का फिलहाल सबसे बड़ा उद्देश्य पंजाब पर फोकस, देशभर में पार्टी का विस्तार और दिल्ली में बीजेपी की ओर से किए गए वायदों को लेकर सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाना है. आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी में कई अहम संगठनात्मक बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं.

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