हरियाणा

लुवास का इनोवेशन: पनीर के पानी से तैयार व्हे कैफिर, सेहत के लिए फायदेमंद

हिसार: हिसार के लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) ने पनीर के पानी यानी व्हे से देश का पहला पोषण से भरपूर व्हे कैफिर हेल्थ ड्रिंक तैयार किया है. यह ड्रिंक दिल, बीपी, शुगर और कमजोर इम्यूनिटी वाले बच्चों के लिए अत्यंत लाभदायक बताया जा रहा है. पनीर बनाने के बाद जो पानी और वेस्ट बचता है, उसे आमतौर पर फेंक दिया जाता है, लेकिन लुवास वैज्ञानिकों ने उसी से बेहतरीन हेल्थ ड्रिंक तैयार कर शोध जगत में नई दिशा दी है. विश्वविद्यालय के इन्क्यूबेशन सेंटर द्वारा इस ड्रिंक को बाजार में लाने की तैयारी तेज कर दी है.

वैज्ञानिकों का बड़ा शोध: इस बारे में डेयरी टेक्नोलॉजी कॉलेज के वैज्ञानिक डॉ. तजेंद्रपाल सिंह ने बताया कि, “घरों और हलवाइयों द्वारा बनाया जाने वाला पनीर बड़ी मात्रा में तरल पदार्थ छोड़ता है, जिसे फेंक दिया जाता है. इससे पर्यावरण पर भी खतरा रहता है. इस व्हे में प्रोटीन, मिनरल्स और आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो अब तक वेस्ट हो जाते थे. बड़ी कंपनियां इसे पाउडर में बदलती हैं, लेकिन लुवास ने कुलपति डॉ. विनोद वर्मा के मार्गदर्शन में इससे पौष्टिक हेल्थ ड्रिंक तैयार कर दिया. यह न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण में मदद करेगा, बल्कि किसानों और डेयरी उद्योग के लिए भी नई संभावनाएं खोलेगा.”

बीपी, हार्ट और डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद:इस ड्रिंक को लो-फैट, लो-कैलोरी और सोडियम-फ्री फॉर्मूला पर तैयार किया गया है. इसमें व्हे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और प्री-बायोटिक्स शामिल हैं, जो शरीर को ऊर्जा देने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं. बीपी और हार्ट मरीज इसे सुरक्षित रूप से पी सकते हैं. डायबिटीज रोगियों के लिए भी यह बेहतर विकल्प है, क्योंकि इसमें शुगर की मात्रा नियंत्रित रखी गई है. यह जिम जाने वाले युवाओं के लिए भी उपयुक्त है क्योंकि यह मसल रिकवरी और ताकत बढ़ाने में मदद करता है.

कई फ्लेवर में मिलेगा ड्रिंक: व्हे कैफिर को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण से टेस्टिंग के बाद प्रमाणपत्र मिल चुका है, जो इसकी गुणवत्ता और सुरक्षा को साबित करता है. फिलहाल इसे लीची फ्लेवर में तैयार किया गया है, जबकि आम और सेब के फ्लेवर पर भी काम जारी है.यह ड्रिंक स्वादिष्ट होने के साथ उन बच्चों के लिए आदर्श है जो दूध नहीं पीते. डॉ. यशपाल सिंह के अनुसार, यह इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ शरीर को हाइड्रेटेड रखने में भी कारगर है.

एमओयू की तैयारी, जल्द आएगा बाजार में: लुवास टेक्नोलॉजी इंक्यूबेशन सेंटर इस ड्रिंक को निजी कंपनियों के सहयोग से बाजार में उतारने की तैयारी कर रहा है. कई कंपनियों ने इसमें रुचि दिखाई है. विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया है कि कोई भी इच्छुक कंपनी लुवास के विभाग से संपर्क कर सकती है. यह प्रोजेक्ट डेयरी सेक्टर में नए रोजगार और व्यापारिक अवसर भी प्रदान करेगा.

हरियाणा में बढ़ा दूध उत्पादन, डेयरी सेक्टर में नई उम्मीद: लुवास के डॉ. सतीश जांगड़ा ने बताया कि, “हरियाणा में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 662 ग्राम से बढ़कर अब 1105 ग्राम प्रति व्यक्ति हो गई है. वर्ष 1998 में राज्य का दुग्ध उत्पादन 4373 टन था, जो 2024 में बढ़कर 12,220 टन हो गया. हालांकि दूध उत्पादन में पंजाब और राजस्थान के बाद हरियाणा देश में तीसरे स्थान पर है, लेकिन उत्पादन तथा उपलब्धता दोनों लगातार बढ़ रही हैं. ऐसे में व्हे कैफिर जैसे उत्पाद डेयरी उद्योग में नई दिशा प्रदान कर रहे हैं.

बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए फायदेमंद: जो बच्चे दूध नहीं पीते, उनके लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है. युवाओं के लिए मसल बिल्डिंग और इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार है, जबकि बुजुर्गों के लिए यह हल्का, पचने में आसान और स्वास्थ्यवर्धक पेय है. एक साल की रिसर्च के बाद तैयार हुआ यह उत्पाद देशभर में डेयरी नवाचार का उदाहरण बन सकता है. यह ड्रिंक न केवल पोषण का बेहतर स्रोत है बल्कि डेयरी वेस्ट को उपयोगी बनाकर पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य दोनों में महत्वपूर्ण योगदान देगा.

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