न्यूज़ डेस्क हरियाणा । अयोध्या । संवाददाता । उत्तरप्रदेश में राम नगरी अयोध्या ayodhya ram mandir में एक अलग तरह के विवाह की खूब चर्चा रही। राजस्थान के एक स्वयंसेवक ने तीन दशक पहले प्रण किया था कि जब तक अयोध्या में राममंदिर Ram mandir का निर्माण नहीं होता, वे शादी नहीं करेंगे। अब मंदिर बना तो उनकी प्रतिज्ञा भी पूरी हो गई। इसी के साथ बीते मंगलवार को उन्होंने अपनी जीवन संगिनी के साथ सात फेरे ले लिए। भगवान रामलला bhagwaan ram lala के मंदिर के साथ ही तमाम लोगों की तमाम प्रतिज्ञाएं और अनुष्ठान पूरे हुए है। ऐसा ही 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले राजस्थान के जयपुर निवासी आरएसएस के स्वयंसेवक rss worker महेंद्र भारती के साथ हुआ है। महेंद्र भारती 90 के दशक में हुए नरसंहार से इतना आहत थे कि उन्होंने रामलला को साक्षी मानकर विवाह न करने का प्रण लिया था। अब जब रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हुए तो महेंद्र भारती का संकल्प भी पूरा हुआ।
महेंद्र भारती ने अपनी जीवन संगिनी के रूप में अजमेर की डॉक्टर शालिनी गौतम को चुना। रामलला के मंदिर आंदोलन की हृदय स्थली रही कारसेवकपुरम की यज्ञशाला में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दोनों ने रामलला को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। पूरा अनुष्ठान बेहद सादगी से किया गया।
महेंद्र भारती की नवविवाहिता डॉक्टर शालिनी गौतम महाविद्यालय में शिक्षिका हैं। उन्होंने कहा कि मुझे रामलला के मंदिर निर्माण होने का पूरा भरोसा था। रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के साथ मुझे मेरे राम मिल गए। महेंद्र भारती ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन के दौरान वे संघ के प्रचारक थे। उस वक्त मैंने संकल्प लिया था कि जब तक मंदिर नहीं बन जाता वे शादी नहीं करेंगे। शादी के बाद दोनों नवजोड़े ने रामलला के दर्शन कर आशीर्वाद भी लिया।