हरियाणा

बिजली दरों में भारी वृद्धि के विरोध में हरियाणा की औद्योगिक संस्थाएं एकजुट, सरकार एवं आयोग से पुनर्विचार की मांग

न्युज डेस्क हरियाणा । गुरुग्राम । विवेक भाटिया । हरियाणा में बिजली के फिक्स्ड चार्जेज एवं टैरिफ दरों में हुई अत्यधिक वृद्धि से उत्पन्न संकट के परिप्रेक्ष्य में, राज्य की प्रमुख औद्योगिक संघों (Industrial Associations) ने एकजुट होकर हरियाणा सरकार एवं विद्युत विभाग के प्रति अपना विरोध दर्ज कराया है। इस संदर्भ में कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ हरियाणा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन्स (चिया) की एक महत्वपूर्ण बैठक गुरुग्राम के उद्योग विहार स्थित कॉइन पार्क में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ उद्योगपतियों कर्नल राज सिंगला एवं श्री अशोक कोहली ने की।
बैठक में गुरुग्राम, बहादुरगढ़, रेवाड़ी, सोहना, रोहतक, करनाल, फरीदाबाद, राई, कुंडली सहित राज्य भर की 24 औद्योगिक एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह बैठक लगभग तीन घंटे चली जिसमें दो मुख्य बिंदुओं पर विचार-विमर्श हुआ:

1. हरियाणा में फिक्स्ड चार्जेज एवं बिजली टैरिफ में की गई अत्यधिक वृद्धि से उद्योगों पर उत्पन्न वित्तीय दबाव।

2. राज्य स्तर पर एक संयुक्त औद्योगिक प्रतिनिधि संगठन CHIA के विधिवत गठन की प्रक्रिया।

बैठक में प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (PFTI) के चेयरमैन श्री दीपक मैनी ने कहा कि बिजली दरों में इस तरह की अचानक और अत्यधिक वृद्धि से उद्योगों की व्यापारिक स्थिरता प्रभावित हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि फिक्स्ड चार्जेज में वृद्धि का कोई न्यायोचित आधार प्रतीत नहीं होता। इसके अतिरिक्त, कुछ क्षेत्रों को नि:शुल्क बिजली दी जा रही है जबकि उद्योगों पर यह भार एकतरफा और असमान रूप से डाला जा रहा है।

कर्नल राज सिंगला एवं श्री अशोक कोहली, जो कि चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज, उद्योग विहार, गुरुग्राम से संबंधित हैं, ने यह चिंता व्यक्त की कि हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) द्वारा उद्योगों के किसी भी प्रतिनिधि को समुचित अवसर दिए बिना निर्णय लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने उपयोगिताओं (Utilities) द्वारा HERC के समक्ष प्रस्तुत वार्षिक रिपोर्टों की वैधता पर भी प्रश्न उठाए — यह असंगत है कि पूर्व वर्षों में लाभ अर्जित कर रही कंपनियां अचानक घाटे में कैसे आ गईं।

कुंडली इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सुभाष गुप्ता ने बताया कि हरियाणा का औद्योगिक टैरिफ देश के कई राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है, जिससे MSME इकाइयों को लाभ में आना अत्यंत कठिन हो गया है। श्री सुभाष गुप्ता ने बताया कि कुंडली ओर आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में जीएसटी विभाग द्वारा आतंक का माहौल बनाया जा रहा है, जीएसटी विभाग के 8 से 10 अधिकारी सरकारी वाहन से फैक्ट्री में अंदर आकर अंदर से मेन गेट बंद करके सभी कर्मचारियों और फैक्ट्री मालिकों के मोबाइल जब्त करके डरा धमका कर रिश्वत का नंगा नाच करके उद्योगपतियों का जबरजस्त शोषण कर रहे है, जिस कारण कुंडली ओर आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में जीएसटी विभाग के खिलाफ लामबंदी शुरू कर दी है।

बैठक में कुछ  महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जिनमें मुख्य रूप से  सभी सदस्य संघों द्वारा हस्ताक्षरित एक संयुक्त अभ्यावेदन हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री एवं उद्योग मंत्री को प्रेषित किया जाएगा, जिसमें टैरिफ वृद्धि पर पुनर्विचार की मांग की जाएगी। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) के समक्ष पुनर्विचार याचिका (Review Petition) दायर की जाएगी। यदि संतोषजनक समाधान न मिले, तो पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने पर विचार किया जाएगा।
औद्योगिक क्षेत्रों में विद्युत वितरण की गुणवत्ता को बेहतर बनाने हेतु, वितरण उपयोगिताओं (Distribution Utilities) के निजीकरण (Privatization) की मांग की जाएगी, क्योंकि वर्तमान में DHBVN एवं UHBVN द्वारा निर्बाध रूप से 24×7 बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही है।
उद्योगपतियों ने सरकार से आग्रह किया है कि वे इस मुद्दे को प्राथमिकता पर लेकर समाधान करें, जिससे हरियाणा के औद्योगिक विकास की गति प्रभावित न हो।

इस मीटिंग के दौरान अशोक कोहली,  कर्नल सिंगल , दीपक मैनी, आर एल शर्मा,  डॉक्टर एस पी अग्रवाल,  सुभाष गुप्ता, जगननाथ मंगला , एच पी यादव,  प्रवीण यादव अश्विनी कुमार ,  रतन खटाना,  अनिमेष सक्सेना,  पी के शर्मा,  विपिन बजाज,  जगतपाल सिंह , अमित गर्ग, शामिल रहे l

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