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दिल्ली आबकारी नीतिः CM केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने आज गुरुवार को कथित आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. स्पेशल जज न्याय बिंदु ने सुनवाई के दौरान याचिका पर आरोपी और प्रवर्तन निदेशालय की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा.

इससे पहले कोर्ट ने कल बुधवार को इस मामले में मुख्यमंत्री केजरीवाल की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिनों के लिए बढ़ा दी थी. आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल को, उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म होने पर बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोर्ट में पेश किया गया. सुनवाई के बाद स्पेशल जज बिंदु ने उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि 3 जुलाई तक बढ़ा दी.

पत्नी सुनीता की मौजूदगी की मांग

राउज एवेन्यू कोर्ट की वेकेशन जज बिंदु न्याय ने मामले पर सुनवाई कर अरविंद केजरीवाल की नियमित जमानत याचिका और एक अन्य याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट से केजरीवाल की एक और अन्य याचिका जिसमें उन्होंने मेडिकल बोर्ड द्वारा जांच के दौरान उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहने और बात करने देने की इजाजत मांगी गई है.

दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. इससे पहले कोर्ट में सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश अधिवक्ता ने उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाने की ईडी की याचिका विरोध किया और कहा कि उनकी हिरासत बढ़ाने का कोई आधार नहीं है.

ED ने केजरीवाल की जमानत का किया विरोध

स्पेशल जज ने इस मामले में केजरीवाल की ओर से दिए गए जमानत आवेदन पर भी सभी दलीलें सुनीं. जज ने इस आवेदन पर आज गुरुवार को भी दलीलें सुनी. हालांकि सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से कोर्ट में मौजूद वकील ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ पूरा मामला बयानों पर आधारित है. वकील ने बताया, “ये बयान उन लोगों हैं जिन्होंने खुद को दोषी माना. वे संत तो नहीं हैं. साथ ही ये लोग ऐसे नहीं हैं जो बस दागदार ही हैं बल्कि ऐसा लगता है कि उनमें से कुछ को गिरफ्तार किया गया, उनसे जमानत देने और माफ कर देने का वादा किया गया.” उन्होंने यह भी कहा कि साथ के कई आरोपियों के बयानों में कई अंतर्विरोध हैं.

दूसरी ओर, केजरीवाल की जमानत याचिका का बुधवार को विरोध करते हुए ईडी ने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से अपनी पार्टी के लिए साउथ ग्रुप से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी गई थी. इस मामले में बतौर आरोपी नामजद आम आदमी पार्टी अगर कोई अपराध करती है तो पार्टी के प्रभारी को दोषी माना जाएगा.

ईडी ने आगे कहा कि जब पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को इस केस में आरोपी बनाया गया था तब AAP को बतौर आरोपी नामजद नहीं किया गया था. केजरीवाल ने रिश्वत मांगी. उनकी ओर से 100 करोड़ रुपये रिश्वत की मांग की गई थी. उन्होंने AAP के लिए चंदा मांगा. मुख्यमंत्री ने साउथ ग्रुप से रिश्वत मांगी थी.

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