मां की मौत से पहले ही बना लिया डेथ सर्टिफिकेट… नौकरी पाने के चक्कर में बुरा फंसा महिला कुक का बेटा

उत्तर प्रदेश के बरेली में चंद्रा देवी की बीमारी के दौरान मौत के मामले ने अब एक बड़ा मोड़ ले लिया है. उनके बेटे प्रहलाद सिंह मेहर पर आरोप है कि उसने मां की मौत के झूठे प्रमाणपत्र के सहारे मृतक आश्रित कोटे में नौकरी पाने का प्रयास किया. इस मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. चंद्रा देवी आठवीं वाहिनी पीएसी में महिला कुक के रूप में तैनात थीं.
चंद्रा देवी को वहां के आईसीयू में भर्ती कर दिया गया. 28 फरवरी को शाम 5 बजकर 33 मिनट पर प्रहलाद ने प्रभारी दल नायक चिरांशु कुमार की मौजूदगी में अपनी मां को जीवित अवस्था में डिस्चार्ज भी करवा लिया और डिस्चार्ज स्लिप प्राप्त की. लेकिन हैरानी की बात ये सामने आई कि प्रहलाद ने विभाग में जो मृत्यु प्रमाणपत्र जमा कराया, उसमें चंद्रा देवी की मृत्यु सुबह 5 बजकर 23 मिनट पर दिखा दी गई थी. यानी, 12 घंटे पहले ही उनकी मौत का फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर विभाग में जमा करवा दिया गया.
रिटायरमेंट से पहले बीमार पड़ीं, फिर फैली झूठी कहानी
सूत्रों के मुताबिक, चंद्रा देवी जल्द ही सेवानिवृत्त होने वाली थीं. कुछ दिन पहले ही वह बीमार हो गई थीं. परिवार वालों ने तब यह बात फैलाई कि चंद्रा देवी जिस गाय को पालती थीं, वह चरने के लिए गई और वापस नही लौटी. गाय की चोरी से दुखी होकर उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया और उनकी तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद उन्हें पहले घर पर ही इलाज दिया गया और फिर अस्पताल ले जाया गया.
हालांकि, यह भी सामने आया है कि जब चंद्रा देवी की हालत नाजुक थी, तब उन्हें अचानक पीजीआई से डिस्चार्ज क्यों कराया गया, इसकी कोई स्पष्ट वजह प्रहलाद ने नहीं बताई.
पुलिस जांच में जुटी, बेटे की भूमिका संदिग्ध
मामले में प्रहलाद की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है. माना जा रहा है कि मृतक आश्रित के तहत सरकारी नौकरी पाने के लिए उसने जल्दबाजी में मौत का फर्जी प्रमाणपत्र बनवाया और विभाग में जमा करा दिया. जबकि, उसकी मां उस वक्त जीवित थीं और खुद उसे डिस्चार्ज कराकर ले जा रहा था.
इस मामले को लेकर कैंट थाना पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली है और अब मामले की जांच की जा रही है कि चंद्रा देवी की मौत असली में कब और किन हालातों में हुई? चर्चा यह भी है कि कहीं नौकरी पाने की जल्दी में बेटे ने ही मां की जान तो नहीं ले ली? पुलिस अब इस पूरे मामले की तह तक जाकर सच्चाई उजागर करने में जुटी है.