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नवजात शिशु व बच्चियों को माता पिता सुनसान जगह पर ना छोड़े: डीसी महावीर कौशिक

कहा- पालना केंद्र में रखवाए नाम गुप्त रखा जाएगा

भिवानी, (ब्यूरो): डीसी महावीर कौशिक ने कहा कि नवजात शिशु व बच्चियों को माता पिता सुनसान जगह पर ना छोड़े। उन्हें पालना केंद्र में रखवाए नाम गुप्त रखा जाएगा। उन्होंने आम नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि कोई भी माता पिता अनचाही नवजात नवशिशु को खुले में ना छोड़े। प्राय: देखने में आ रहा है कि कई दंपति लडक़ी होने पर खुले में कहीं झाड़ी या सुनसान जगह पर छोड़ देते हैं, जो की बच्चियों के प्रति क्रूरता है।
बेऔलाद दंपत्ति अधिक जानकारी के लिए लघु सचिवालय में जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय में संपर्क करें। वहीं कोई शिकायत मिलाने पर चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 कॉल कर सकते हैं।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी किरण ने बताया कि लडक़ी और लडक़ा में कोई फर्क नहीं है। दोनों ही समाज में सामान रूप से अधिकार रखते हैं। जहां लड़कियां भी बड़ी होकर कल्पना चावला की तरह आसमान छूने की हिम्मत रखती है।फिर भी कुछ दंपति अनचाही नवजात शिशु बच्ची को पैदा होने पर झाडिय़ां में व कहीं सुनसान जगह में छोड़ देते हैं। उनके लिए जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि बच्ची को खुले में सुनसान जगह ना छोड़े जिला में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा ऐसे बच्चों के लिए तीन स्थान बनाए गए हैं। इनमें नागरिक अस्पताल भिवानी, बाल सेवा आश्रम भिवानी और मुक्त आश्रय गृह बवानी खेङा में बनाया गया है। जिसमें कोई भी अभिभावक या अन्य अनचाहे बच्चों को इन पालना केन्द्र में छोड़ दें। जिसके लिए किसी भी तरह की पूछताछ नहीं की जाएगी। क्योंकि ऐसा बच्चा अन्य किसी दंपति के पास सरकारी नियमो के अनुसार गोदनामा में चला जाएगा। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने आगे बताया कि कोई भी दंपति या आमजन ऐसे बच्चे को जिला में कार्यरत जिला बाल कल्याण समिति में भी प्रस्तुत कर सकते हैं। जहां से बच्चा आगे अन्य सरकारी नियमों के अनुसार गोदनामा में चला जाएगा। सरकार द्वारा अनचाहे बच्चों को लावारिस हालातों मिलने पर उनके पालन पोषण की व्यवस्था की जाती है। महिला एव बाल विकास विभाग द्वारा इसके लिए विशेष सुविधा प्रदान की जा रही है। वहीं उन लोगों की भी पहचान गुप्त रखी जाती है। वहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया गया है। क्योंकि ऐसे बच्चों को जरूरतमंद परिवार गोद ले लेते हैं। वहीं बेऔलाद दम्पति भी बच्चा गोद लेने के लिए 3 साल का इंतजार करते हैं।

डीसी महावीर कौशिक।

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