शरीर में एनर्जी कम महसूस होती है तो इन विटामिन और मिनरल्स को करें पूरा

शरीर किसी मशीन की तरह है। जिसे फ्यूल की जरूरत होती है। जिसे वो बर्न कर एनर्जी बना सके और सारे काम कर सके। और, शरीर को मिलने वाला बेस्ट फ्यूल हेल्दी डाइट है जिसमे खास विटामिन और मिनरल्स जरूर हो। ये विटामिन और मिनरल्स ही एनर्जी को बनाने और उन्हें शरीर में बनाकर रखने में मदद करते हैं। साथ ही पूरे बॉडी की हेल्थ को भी बनाकर रखते हैं। तो जान लें कौन से विटामिन्स और मिनरल्स एनर्जी के लिए बेस्ट होते हैं।
आयरन
लो लेवल आयरन एनीमिया का सबसे बड़ा कारण होता है। जिसमे रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है। इस मिनरल्स की कमी की वजह से बोनमैरो को पर्याप्त हीमोग्लोबिन बनाने से रोकती है, जो कि ब्लड सेल्स को ऑक्सीजन की सप्लाई करता है। बिना हीमोग्लोबिन के बॉडी ऑक्सीजन की सप्लाई टिश्यू को नहीं कर पाती है और ऑक्सीजन सेल्स में एनर्जी बनाने के लिए जरूरी है। जिसकी वजह से ही थकान महसूस होती है।
मैग्नीशियम
मैग्नीशियम का ग्लूकोज को एनर्जी में तोड़ने में मदद करता है। लो मैग्नीशियम का लेवल मेटाबॉलिक सिंड्रोम, हाई ब्लड प्रेशर, टाइप 2 डायबिटीज, ऑस्टियोपिरोसिस,माइग्रेन, अस्थमा और कोलन कैंसर से जुड़ा है। मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा को डाइट में दाल, होल ग्रेन, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, फोर्टीफाइड फूड्स, दही, दूध,नट्स और सीड्स से पूरा करना चाहिए। शरीर में लो मैग्नीशियम का पता ब्लड टेस्ट की मदद से चल जाता है। इसकी कमी को हाई फाइबर फूड्स जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, होल ग्रेन और बींस बेस्ट मिनरल से सोर्स से दूर किया जा सकता है।
विटामिन बी 12 और फोलिक एसिड
विटामिन बी की कमी को भी एनीमिया कहते हैं। 60 और उससे ज्यादा की उम्र में विटामिन बी 12 की कमी हो जाती है क्योंकि फूड से विटामिन बी12 को अब्जार्ब करना मुश्किल हो जाता है। अगर किसी को इंफ्लेमेटरी बाउल डिसीज है तो उसके शरीर में विटामिन बी12 का अब्जार्बप्शन नहीं हो पाता है। वहीं कुछ दवाओं की वजह से विटामिन बी12 की हो जाती है। जैसे कि टाइप 2 डायबिटीज में ली जाने वाली हाई डोज ड्रग मेटाफार्मिन को लेने पर कुछ ही महीने में विटामिन बी12 का लेवल लो हो जाता है। एनिमल प्रोडक्ट जैसे फिश, मीट, पोल्ट्री, एग, दूध और दूसरे डेयरी प्रोडक्ट्स में विटामिन बी12 होता है।
विटामिन डी
स्टडी के मुताबिक जिन लोगों हार्ट डिसीज, डायबिटीज, कैंसर होता है उनके विटामिन डी के कमी होने का रिस्क ज्यादा रहता है। विटामिन डी की कमी से हड्डियों और मसल्स की मजबूती में कमी आती है। जिसकी वजह से कमजोरी महसूस होती है और रोज के काम करना भी मुश्किल हो जाता है। यहीं नहीं विटामिन डी की कमी मूड को डिप्रेस करने और एनर्जी खत्म करता है।




