एक राजमिस्त्री कैसे बन गया अलकायदा का सदस्य? रांची से अरेस्ट; पूरी कहानी

अलकायदा का नाम सुनते ही मन में एक भयानक छवि उभरकर आती है. इस संगठन ने दुनिया के कई देशों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया है, जिनमें भारत भी शामिल है. कैसा होगा अगर आपके घर पर दिहाड़ी में काम करने वाला राजमिस्त्री ही अलकायदा का सदस्य निकल जाए? जी हां, कुछ ऐसा ही हुआ है झारखंड की राजधानी रांची में, जहां एक राजमिस्त्री को अलकायदा जैसे आतंकी संगठन से जुड़ा पाया गया.
रांची के चान्हो थाना क्षेत्र का रहने वाला शाहबाज अंसारी, जो पेशे से एक राजमिस्त्री था, अब अलकायदा जैसे आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने उसे राजधानी रांची से गिरफ्तार किया, जहां से उसने आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़ने की पूरी प्रक्रिया के बारे में अहम जानकारी दी. चौंकाने वाली बात यह है कि मात्र छह महीनों के भीतर शाहबाज जैसे एक कम पढ़े-लिखे व्यक्ति को आतंकी संगठन में शामिल कर लिया गया.
आतंकी ट्रेनिंग कैंप में तीन दिन
शाहबाज अंसारी ने बताया कि उसने राजस्थान के भिवाड़ी में स्थित अलकायदा के ट्रेनिंग कैंप में तीन दिनों तक आतंकी प्रशिक्षण लिया. इस दौरान उसके साथ करीब एक दर्जन अन्य लोग भी थे, जो ट्रेनिंग ले रहे थे. शाहबाज का कहना है कि उसकी दोस्ती एनामुल अंसारी नामक व्यक्ति से थी, जो उसे लगातार अलकायदा से जुड़ने के लिए प्रेरित करता रहा. कई महीनों तक उसका ब्रेनवाश किया गया, जिसके बाद शाहबाज ने अपने दोस्त के साथ मिलकर दिल्ली और फिर भिवाड़ी का रास्ता अपनाया.
पिछले साल ही पकड़ा जाता शाहबाज
24 अगस्त 2024 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने भिवाड़ी स्थित ट्रेनिंग कैंप पर छापेमारी की थी, जिसके दौरान कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया. हालांकि, शाहबाज अंसारी वहां से फरार हो गया था. छापेमारी के दौरान गिरफ्तार अन्य संदिग्धों में एनामुल अंसारी भी शामिल था, जो शाहबाज को आतंकी संगठन से जोड़ने के लिए जिम्मेदार था.
झारखंड में अलकायदा से जुड़ी गिरफ्तारियां
झारखंड, खासकर रांची से अब तक कई संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें प्रमुख नाम डॉक्टर इश्तियाक अहमद, मोहम्मद रिजवान, मुफ़्ती रहमतुल्लाह मजहिरी, फैजान अहमद और एनामुल अंसारी जैसे आतंकी शामिल हैं. इन लोगों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई लगातार चल रही है.
झारखंड में अलकायदा की नए साजिशें
झारखंड के चान्हो और लोहरदगा जिले के चंदवा बॉर्डर पर स्थित नकटा पहाड़ के घने जंगलों में आतंकी संगठन अलकायदा के एक नए मॉड्यूल को तैयार करने के लिए युवाओं को ब्रेनवाश करके ट्रेनिंग देने की साजिश रची गई थी. हालांकि, सुरक्षा बलों की तत्परता के कारण उनके मंसूबे नाकाम हो गए. अब एटीएस और दिल्ली पुलिस की टीम इन संदिग्धों के खिलाफ छानबीन और जांच जारी रखे हुए है.
नकटा पहाड़ में ट्रेनिंग कैंपों की जांच
झारखंड एटीएस नकटा पहाड़ के घने जंगलों में छानबीन कर रही है, साथ ही उन सभी संदिग्धों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रही है जो इन ट्रेनिंग कैंपों में शामिल थे. पुलिस इन आरोपियों को पकडऩे की योजना बना रही है ताकि राज्य में आतंकी गतिविधियों को रोकने में सफलता हासिल हो सके.