महिला सुरक्षा पर बहा रहे घड़ियाली आंसू… केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने राहुल गांधी पर उठाए सवाल
राहुल गांधी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था कि उज्जैन और सिद्धार्थनगर में महिलाओं के साथ हुई बर्बरता मानवता पर कलंक है. इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ते अपराध को चिंता का विषय बताते हुए सरकार पर भी हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि केंद्रित सरकारों ने अपनी झूठी छवि गढ़ने के लिए एक असंवेदनशील व्यवस्था को जन्म दिया है, जिसका सबसे बड़ा शिकार महिलाएं हो रही हैं. उनकी इसी पोस्ट पर अब जी किशन रेड्डी ने जवाब दिया और कहा कि राहुल गांधी अब मगरमच्छ के आंसू बहां रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने पलटवार करते हुए कहा कि जब तेलंगाना के आसिफाबाद जिले के जैनूर में एक ऑटो चालक ने एक आदिवासी महिला के साथ हिंसक रेप करने की कोशिश की तो राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने सक्रिय रूप से इसे दबाने की कोशिश की. ऐसा इसलिए है क्योंकि अपराधी अल्पसंख्यक समुदाय से था और कांग्रेस पार्टी की तुष्टीकरण की राजनीति हमेशा महिलाओं की सुरक्षा और उनकी भलाई से ऊपर है.
“राहुल गांधी की आंखें खुलीं”
इसके साथ उन्होंने आगे कहा कि कल भाजपा के एक राज्य में रेप की एक घटना घटी. इसकी जांच करने के बाद राहुल गांधी की अचानक आंखें खुलीं और उन्होंने इस पर कमेंट कर दिया. इस मामले में सरकार और कानून प्रवर्तन सक्रिय रूप से इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं और इस पर पर्दा नहीं डाल रहे हैं. इसके साथ ही किशन रेड्डी ने पिछले 3 महीनों में महिलाओं के साथ हुई बलात्कार, हिंसा और अत्याचार की कई घटनाओं का पूरा ब्यौरा किया. उन्होंने एक्स पर पोस्ट में तेलंगाना की अलग-अलग जगहों की घटनाओं को लिखा.
1- 13 जून 2024 को पेद्दापल्ली जिले के सुल्तानाबाद मंडल के कटनापल्ली में एक चावल मील में छह साल लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई.
2- 22 जून 2024 को नगरकुर्नूल जिले में एक आदिवासी महिला को एक हफ्ते तक प्रताड़ित किया गया. इस दौरान उसे जलाया गया, पीटा गया और उसकी आंखों और निजी अंगों पर मिर्च पाउडर लगाया गया.
3- 21 जुलाई 2024 को नागरकर्नूल जिले के हाजीपुर में दुकान मालिकों ने कार में दो महिला मजदूरों का यौन उत्पीड़न किया गया. इसके 3 दिन बाद ही 24 जुलाई को मालाकपेट ब्लाइंड स्कूल में 8 साल की ऐसी लड़की जो देख भी नहीं सकती. उस पर हमला किया गया.
4 30 जुलाई 24 को निर्मल की एक 26 साल की महिला के साथ चलती बस में कथित तौर पर बलात्कार किया गया. उसी दिन वनस्थलीपुरम में एक 24 साल की सॉफ्टवेयर कर्मचारी का दो शख्स ने कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया.
5- 4 अगस्त 24 को चोरी के आरोप में शादनगर पुलिस ने एक दलित महिला सुनीता को पुलिस के क्रूरतापूर्वक प्रताड़ित किया. इसके बाद 22 अगस्त को नगरकुर्नूल जिले के कोंडारेड्डीपल्ली में कांग्रेस समर्थकों ने दो महिला पत्रकारों पर हमला किया गया.
किशन रेड्डी ने कहा कि भाजपा ने इन घटनाओं को लगातार संवेदनशील और जिम्मेदार तरीके से उठाया है क्योंकि महिलाओं के खिलाफ हिंसा का इस्तेमाल राजनीतिक के लिए नहीं किया जाना चाहिए. राहुल गांधी को कब यह एहसास होना चाहिए कि इस तरह की चयनात्मक, विवादास्पद आक्रामकता महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए कुछ नहीं करती बल्कि सिर्फ उनके अपने पाखंड को उजागर करती है.