फिर फंसी राज्यसभा सीट पर कुलदीप बिश्नोई की दावेदारी, बड़ौली ने इशारों में दे दिया बड़ा बयान
विधानसभा चुनाव के चौंकाने वाले परिणाम आने के बाद अब सबकी नजरें राज्यसभा की खाली हुई एक सीट पर भविष्य में होने वाले चुनाव पर है। ये चुनाव नतीजों को लेकर दिलचस्प नहीं है, क्योंकि संख्याबल के हिसाब से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का जीतना तय है। इसलिए यहां लड़ाई महज पार्टी का सिंबल हासिल करने की है। भाजपा किसे इस चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाएगी, सियासी गलियारों में इसको लेकर खूब कयास लग रहे हैं। क्योंकि बीजेपी के अंदर बस इस एक सीट के लिए एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति है, यानी कि कई दावेदार हैं।
हालांकि अभी तक चुनाव आयोग की तरफ से राज्यसभा चुनाव को लेकर कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन हिसार पहुंचे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली के इस चुनाव को लेकर एक बयान ने सियासी सरगर्मी पैदा कर दी है। लोकसभा चुनाव में शिकस्त खाने वाले बड़ौली खुद भी उम्मीदवारी के रेस में बताए जाते हैं, लेकिन उन्होंने अपने और मीडिया में चल रहे पार्टी के अन्य दावेदारों को लेकर जो कहा है। उसने नेताओं की धड़कनें बढ़ा दी है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि BJP में जिसका नाम राज्यसभा सांसद के लिए मीडिया में चल रहा है, उनका नाम मानो राज्यसभा की रेस से बाहर हो गया है।
दरअसल बड़ौली ने तो ये बयान अपने और पूर्व सांसद संजय भाटिया के संदर्भ में दिया था, लेकिन आगे उन्होंने मीडिया में चल रहे सभी नामों की ओर इशारा कर सबसे प्रबल दावेदार माने जाने रहे पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई को झटका दे दिया। बिश्नोई लगातार चंडीगढ़ से दिल्ली तक राज्यसभा का टिकट हासिल करने के लिए जोर लगा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ जैसे नेताओं से मुलाकात कर वो अपनी मजबूत दावेदारी जता चुके हैं, लेकिन बड़ौली के ताजा बयान से लगता है कि मामला उनके हिसाब से सेट नहीं हो रहा।
हिसार में भाजपा के कार्यक्रम से बनाई दूरी
भारतीय जनता पार्टी और कुलदीप बिश्नोई के बीच एकबार फिर दूरियां बढ़ती नजर आ रही हैं। बीजेपी इन दिनों पूरे प्रदेश में सदस्यता अभियान चला रही है, जिसकी समीक्षा करने प्रदेश अध्यक्ष बारी-बारी से सभी जिलों का दौरा कर रहे हैं। जहां भी पहुंच रहे हैं, उस जिले का बड़ा भाजपा नेता कार्यक्रम में जरूर शरीक होता है, लेकिन हिसार पहुंचे बड़ौली के कार्यक्रम में न तो बिश्नोई और न ही उनका बेटा भव्य नजर आया। जिसको लेकर सियासी हलकों में कई तरह की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं।
दरअसल कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए कुलदीप बिश्नोई को सबसे बड़ा झटका तब लगा, जब लोकसभा चुनाव में हिसार से उनकी दावेदारी को दरकिनार कर ताऊ देवीलाल के छोटे बेटे रणजीत सिंह चौटाला को उम्मीदवार बना दिया गया। इसके बाद रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा की इस्तीफे से खाली हुई राज्यसभा की सीट पर एक बार फिर उन्हें किनारे लगाकर लोकसभा चुनाव के ऐन बाद बीजेपी में शामिल हुईं किरण चौधरी को उम्मीदवार बना दिया गया।आज एक तरफ किरण जहां खुद सांसद हैं तो उनकी बेटी तोशाम से विधानसभा चुनाव जीतकर राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री बन गईं। वहीं इस चुनाव में भव्य बिश्नोई भजनलाल परिवार का गढ़ माने जाने वाले आदमपुर हलके को बचा नहीं पाए। यानी कि कुलदीप बिश्नोई के परिवार का कोई सदस्य न तो संसद और न ही विधानसभा में अपनी मौजूदगी दर्ज करा पाया। ऐसे में बिश्नोई कैबिनेट मंत्री और इसराना विधायक कृष्णलाल पंवार की इस्तीफे से खाली हुई सीट से संसद पहुंचकर इस सूखे को खत्म करना चाहते हैं। वो अपनी इस कवायद में कितना कामयाब होते हैं ये तो वक्त ही बताएगा।