उत्तर प्रदेश

रायबरेली-अमेठी में कांग्रेस का ‘चक्रव्यूह’, राहुल ही नहीं केएल शर्मा के लिए भी जीत की पटकथा लिखेंगी प्रियंका गांधी

गांधी परिवार के गढ़ माने जाने वाली रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीट पर पांचवें चरण में चुनाव है. कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर रायबरेली से राहुल गांधी और अमेठी से केएल शर्मा चुनाव लड़ रहे हैं.प्रियंका गांधी खुद भले ही चुनाव नहीं लड़ रहीं, लेकिन दोनों सीटों पर आज (सोमवार) से डेरा जमाने जा रही हैं. रायबरेली में भाई राहुल और अमेठी में केएल शर्मा के जीत के लिए प्रियंका गांधी जमीनी रणनीति से सियासी माहौल बनाने तक का काम करेंगी. संगठन और बूथ कमेटी की बैठक के साथ-साथ नुक्कड़ सभा और घर-घर दस्तक देने की प्लानिंग बनी है.

रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीट के चुनाव संचालन की जिम्मेदारी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी संभालेंगी. प्रियंका गांधी सोमवार से अपना डेरा रायबरेली में जमा रही हैं और यहीं से दोनों लोकसभाओं के चुनाव का संचालन करेंगी. हालांकि, पार्टी की ओर से अभी तक अधिकृत कार्यक्रम जारी नहीं किया गया है, लेकिन प्रियंका गांधी की 40 सदस्यीय टीम रविवार देर शाम रायबरेली पहुंच गई है. यह टीम प्रियंका गांधी के चुनाव प्रचार की रणनीति के साथ-साथ सोशल मीडिया की जिम्मेदारी भी संभालेगी.

सूत्रों की मानें तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सुबह रायबरेली पहुंचते ही बैठक की दौर शुरू कर देंगी. प्रियंका पहले रायबरेली लोकसभा सीट के नेताओं के साथ बैठक करेंगी और इसके बाद अमेठी सीट के नेताओं के साथ मीटिंग करेंगी. प्रियंका गांधी पहले भी रायबरेली और अमेठी सीट पर बूथ वार रणनीति बनाकर ही चुनाव लड़वाती रही हैं. प्रियंका इसी तर्ज पर दोनों ही सीटों पर काम करती रही हैं.

कांग्रेस नहीं छोड़ना चाहती कोर-कसर

सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी के नामांकन में शामिल होकर एकजुटता का संदेश दिया था. केएल शर्मा के साथ प्रियंका गांधी ने मंच शेयर करके साफ कर दिया था कि 6 मई से वो यहीं रहेंगी. वहीं, अब इन दोनों ही सीटों की कमान प्रियंका गांधी ने खुद अपने हाथों में ले ली है, जिससे एक बात साफ है कि कांग्रेस किसी तरह की कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. पिछले दो दशकों से इन दोनों ही लोकसभा सीटों के चुनाव संचालन संभालने वाली प्रियंका गांधी के हाथों में अब फिर से जिम्मा सौंपा गया है, जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हौसले ही बुलंद नहीं होंगे बल्कि सियासी माहौल भी बनेगा.

प्रियंका गांधी सोशल मीडिया कैंपेन पर भी नजर रखेंगी. खास करके फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप्प के संचालन की रणनीति पर मजबूती से काम हो रहा है. इसके साथ ही साथ रायबरेली और अमेठी के विभिन्न सामाजिक संगठनों, बार एसोसिएशन, महिला समूहों से भी संवाद स्थापित करेंगी. सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका गांधी रायबरेली और अमेठी में नुक्कड़ सभाएं करेंगी, जिसके लिए करीब 300 जगह पर कार्यक्रम होंगे. प्रियंका टीम की ओर से तैयार किए गए रोडमैप के तहत वह कुछ इलाके में घर-घर जनसंपर्क करेंगी. इस दौरान प्रियंका गांधी स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों और दशकों से गांधी परिवार के साथ संबंध रखने वाले लोगों के घर जाकर मुलाकात करेंगी.

प्रियंका टीम के एक सदस्य ने नाम छापने की शर्त पर बताया कि प्रियंका गांधी इस बार रायबरेली और अमेठी में सामाजिक न्याय के मुद्दे को आक्रामक तरीके से उठाती हुई नजर आएंगी. इन नुक्कड़ सभाओं के मंच पर सभी समाज के लोग मौजूद होंगे ताकि सामाजिक समीकरण को भी साधा जा सके. कांग्रेस का इस बार सपा के साथ गठबंधन भी है, जिसके चलते सपा के नेता भी खुलकर प्रियंका गांधी के साथ प्रचार करते हुए नजर आएंगे. कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी सीट पर दलित और ओबीसी नेताओं की भी एक फेहरिस्त बनाई गई है, जो राहुल और केएल शर्मा के लिए प्रचार करेंगे.

प्रियंका गांधी बुधवार को करेंगी मंथन

प्रियंका गांधी बुधवार को रायबरेली और अमेठी के बूथ वार निगरानी करेंगी. इसके लिए पार्टी की ओर से उनकी टीम को दोनों लोकसभा क्षेत्र की कमेटियों की सूची रविवार को सौंप दी गई है. प्रदेश मुख्यालय से सभी कमेटियों को अलर्ट रहने का भी संदेश दिया गया है. प्रियंका गांधी रायबरेली लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों के साथ-साथ अलग-अलग बैठक करेंगी. इसके लिए प्रियंका टीम के लोगों ने बूथ का डाटा तैयार किया गया है, जिसे आधार पर प्रियंका गांधी हर एक कार्यकर्ताओं का वोट का टॉस्क देंगी.

अमेठी और रायबरेली के अलग-अलग प्लान

कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी सीट के लिए अलग-अलग प्लान बनाए हैं. रायबरेली में कांग्रेस जहां इंदिरा गांधी से लेकर सोनिया गांधी के रिश्ते की दुहाई देगी. इसके साथ ही सोनिया गांधी रायबरेली का प्रतिनिधित्व करती रही हैं, उनके दौर में रायबरेली में किए विकास कार्यों की फेहरिस्त बनाई गई है. बीजेपी सरकार आने के बाद रायबरेली में आए विकास की बाधाओं की लिस्ट बनाई जा रही है, जिसका जिक्र प्रियंका गांधी और कांग्रेसी नेता करते नजर आएंगे.

वहीं, अमेठी सीट राजीव गांधी और राहुल गांधी के कार्यकाल में विकासों की चर्चा करने के साथ-साथ पांच साल में हुए कार्यों की तुलना कर यह बताने की कोशिश होगी कि कैसे स्मृति ईरानी के कार्यकाल में विकास के कार्यों में ब्रेक लगा है. कांग्रेस ने आक्रामक तरीके से चुनाव लड़ने का प्लान बनाया है. पार्टी के रणनीतिकारों की मानें तो प्रियंका गांधी के रायबरेली में रुकने की कई वजह है. वह यहां रुक कर रिश्तों की दुहाई देंगी और इसके जरिए सियासी धार को मजबूत करेंगी.

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