फर्जीवाड़े में फंसे कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं. यह मामला इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज की मान्यता के लिए फर्जी सेल डीड जमा करने से जुड़ा है. अदालत ने शुरुआती रूप से इसे धोखाधड़ी (IPC की धारा 420, 467, 468) का मामला माना है. जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस प्रदीप मित्तल की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान भोपाल पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ तीन दिन के अंदर एफआईआर दर्ज की जाए.
इसके साथ ही जांच की निगरानी के लिए पुलिस महानिदेशक को SIT (विशेष जांच दल) गठित करने का आदेश भी दिया गया है. यह टीम 90 दिनों में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. इस मामले में लापरवाही बरतने वाले विभागीय अधिकारियों पर भी आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा. यह मामला शिक्षा विभाग द्वारा कॉलेज की मान्यता रद्द किए जाने के बाद सामने आया. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने फर्जी सेल डीड के आधार पर पिछले 20 साल से चल रहे कॉलेज मामले में कड़ा रुख दिखाया है. कोर्ट ने कॉलेज में नए एडमिशन पर भी रोक लगा दी है.
9 जून को राज्य सरकार ने भोपाल के इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज की मान्यता को रद्द कर दिया था. इस फैसले के खिलाफ विधायक आरिफ मसूद ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. सुनवाई के दौरान अदालत ने कॉलेज की जमीन और मान्यता से जुड़े सभी दस्तावेज पेश करने के निर्देश दिए थे.
हाईकोर्ट में जो डाक्यूमेंट पेश किए गए उनकी जांच में खुलासा हुआ कि 2 अगस्त 1999 को अमन एजुकेशन सोसायटी की तरफ से समिट की गई पहली सेल डीड फर्जी थी. इसके बाद में पेश की गई दूसरी सेल डीड भी राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं पाई गई. कोर्ट ने कहा कि इतने सालों तक जाली दस्तावेजों के सहारे कॉलेज का संचालन प्रशासनिक और राजनीतिक समर्थन के बिना संभव नहीं था.