हिमाचल प्रदेश में भी लगा वोट चोरी का आरोप, कांग्रेस नेता ने 2019 के चुनाव पर उठाए सवाल

कांग्रेस नेता प्रतिभा सिंह ने 2019 के लोकसभा के चुनाव में हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को मिली जीत पर सवाल खड़े किए हैं. राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोप लगाने के बाद और इसको लेकर सबूत पेश करने के बाद अब प्रतिभा सिंह का बयान सामने आया है.
कांग्रेस नेता प्रतिभा सिंह ने रविवार को कहा कि 2019 के आम चुनाव में हिमाचल प्रदेश से बीजेपी के सभी चार उम्मीदवारों की जीत के अंतर से संदेह पैदा हुआ था. हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस कमेटी चीफ प्रतिभा सिंह ने कहा 2019 से पहले हमने ऐसी प्रचंड जीत नहीं देखी. जहां इतने ज्यादा मार्जिन से जीत हासिल हुई कि इसने सवाल खड़े कर दिए कि कुछ तो गड़बड़ है.
प्रतिभ सिंह ने चुनाव पर उठाए सवाल
2019 के लोकसभा चुनाव में विजेताओं और कांग्रेस के दावेदारों के बीच वोटों का अंतर 3.27 लाख से 4.77 लाख के बीच था. प्रतिभा सिंह ने हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से तीन बार प्रतिनिधित्व किया है. 2004-09, 2013-14 और 2021-24. फिलहाल, कंगना रनौत इस सीट से सांसद हैं. प्रतिभा सिंह ने कहा, मैंने मंडी सीट का प्रतिनिधित्व किया है और मुझे पता है कि वोट बैंक कितना बढ़-घट सकता है और जब 2024 में कोई नया चेहरा, जिसका कोई राजनीतिक जुड़ाव नहीं है, बड़े अंतर से जीतता है, तो सवाल उठते हैं.
प्रतिभा सिंह ने कहा कि जीत का अंतर कई गुना बढ़ गया है और नतीजे एग्जिट पोल, मीडिया रिपोर्टों और नेताओं की उम्मीदों के एक दम उलट रहे. उन्होंने कहा, कांग्रेस नेताओं की बैठक के दौरान सभी राज्यों के नेताओं ने इसी तरह की आशंकाएं व्यक्त की हैं और हम इन तथ्यों को जनता के सामने रखेंगे.
राहुल गांधी ने किया वोट चोरी का दावा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार चुनाव में और वोटों में गड़बड़ी का दावा करते रहे हैं. इसी बीच उन्होंने हाल ही में वोट चोरी का दावा किया और पूरे देश के सामने सबूत भी रखे. राहुल गांधी ने कर्नाटक के महादेवपुर की सीट में वोट चोरी कैसे हुई इसको लेकर आंकड़े सामने रखे. राहुल गांधी ने बीजेपी और चुनाव आयोग की मिलीभगत से चुनावों में बड़े पैमाने पर आपराधिक धोखाधड़ी होने के आरोप लगाए थे. राहुल गांधी के वोट चोरी को लेकर सबूत पेश करने के बाद अब हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस की नेता प्रतिभा सिंह ने भी 2019 के चुनाव पर संदेह जताया है.
वहीं, दूसरी तरफ महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी के दो प्रमुख दल शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और एनसीपी (शरद पवार गुट) के शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने भी वोट चोरी को लेकर बड़े दावे किए हैं. उद्धव ठाकरे ने कहा, दो लोगों ने उन्हें चुनाव में जीत दर्ज कराने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का मैनेजमेंट करके 60-65 टफ सीटों पर पार्टी की जीत सुनिश्चित करने की पेशकश की थी. वहीं, शरद पवार ने कहा था कि उन्हें 160 सीटों पर जीत दिलाने की गारंटी दी गई थी.