हरियाणा

टीआईटीएस के वार्षिक समारोह के उपलक्ष्य में प्रतियोगिताएं आयोजित

भिवानी, (ब्यूरो): टीआईटीएस के वार्षिक दिवस समारोह के उपलक्ष्य में
कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग द्वारा एक प्रमुख तकनीकी कार्यक्रम कोड वॉर 2025 का आयोजन किया गया। यह प्रतियोगिता युवाओं को अपनी कोडिंग क्षमता और समस्या-समाधान कौशल प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करती है। वर्षों से छात्रों के बीच लोकप्रिय इस आयोजन में इस बार अभूतपूर्व जोश और भागीदारी देखने को मिली। प्रतियोगिता संयोजक शुभम सांगवान, हर्ष, गर्वित, विशाल, लक्ष्य, दिलीप, हर्षिल, यशिका, शिखा गुप्ता, जतिन, अनुराग, दीपन, खुशी, और उदय रहे। इसी क्रम में विभाग द्वारा नवाचार द्वारा संचातिल विषय पर एक प्रोजेक्ट एग्जिबिशन स्टॉल भी लगाई गई। कोड वॉर 2025 एक प्रतिस्पर्धात्मक तकनीकी प्रतियोगिता रही, जिसमें 74 छात्रों को कोडिंग व समस्या समाधान क्षमता का प्रदर्शन करने का अवसर प्राप्त हुआ । यह कार्यक्रम विभाग का बहुप्रतीक्षित आयोजन था जो हर वर्ष छात्रों में नई ऊर्जा भरता है। कार्यक्रम का संयोजन छात्र शुभम सांगवान, हर्ष, गर्वित, विशाल, लक्ष्य, दिलीप, हर्षिल, यशिका, शिखा गुप्ता, जतिन, अनुराग, दीपन, खुशी और उदय द्वारा किया गया। प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार हिमेन्दर और मुकुल, द्वितीय पुरस्कार नीरज, पार्थ व दीपांशु, तृतीय पुरस्कार संयुक्त रूप से टिंकू और विनेश
कृतिका और पूजा, तेजस, इशिता और लकी रही। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. निधि शर्मा समन्वयक और डॉ. ज्योति चौधरी संयोजक के मार्गदर्शन में किया गया। प्रदर्शनी का उद्देश्य तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देना और समाजोपयोगी समाधान प्रस्तुत करना था। इस परियोजना का उद्देश्य दिव्यांगजन व वरिष्ठ नागरिकों को सहायता प्रदान करना है, जिससे वे बिना किसी स्विच या रिमोट के, केवल हाथ के इशारों से पंखे व लाइट जैसे उपकरणों को नियंत्रित कर सकें। प्रोजेक्ट के छात्र संयोजक आदित्य, निखिल, जतिन और अभिषेक। दोनों तकनीकी कार्यक्रमों ने टीआईटीएस के वार्षिक दिवस समारोह को और भी प्रभावशाली व प्रेरणादायक बना दिया। छात्रों की रचनात्मकता, तकनीकी ज्ञान और सामाजिक संवेदनशीलता को दर्शाने वाले इन आयोजनों की सभी ने सराहना की। संस्थान निदेशक प्रो. बी.के. बेहरा ने कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आयोजित इन कार्यक्रमों की विशेष प्रशंसा करते हुए कहा कि, ऐसे आयोजनों से न केवल छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि वे वास्तविक जीवन की चुनौतियों का समाधान ढूंढने में सक्षम बनते हैं। आयोजकों ने उत्कृष्ट कार्य किया है और भविष्य में भी इस तरह के प्रयासों को निरंतर प्रोत्साहित किया जाएगा।

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