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आदित्य ठाकरे के वोट चोरी आरोप पर CM फडणवीस का पलटवार, बोले– मुझे ‘पप्पूगिरी’ की उम्मीद नहीं थी

महाराष्ट्र में शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे ने एक बार फिर से सत्ताधारी दलों पर वोट चोरी का आरोप लगाया है. आदित्य ने पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं को दिखाया कि कैसे राज्य में 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में वोट चोरी हुई थी. अब आदित्य के इस बयान पर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार किया है. सीएम ने कहा कि मैं आदित्य ठाकरे को थोड़ा जानता हूं, इसलिए मुझे उनसे ‘पप्पू गिरी’ की उम्मीद नहीं थी.

आदित्य ठाकरे के वोट चोरी के आरोप पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि उन्होंने भी राहुल गांधी की शैली अपनाई, बड़ी स्क्रीन लगाई और आगे-पीछे टहलते रहे. उन्होंने जो कहा, वह था ‘खोदा पहाड़ और निकला चूहा भी नहीं’. यह राहुल गांधी के प्रदर्शन की नकल थी.

सीएम बोले- यह आदित्य की ओर से कवर फायरिंग है

सीएम ने कहा कि मेरा मानना है कि यह उनकी ओर से एक कवर फायरिंग है. वह जानते हैं कि लोग उनके साथ नहीं हैं और वह चुनाव नहीं जीत सकते. हारने के बाद वह लोगों को एक वीडियो दिखाने के लिए ऐसा कर रहे हैं.मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि वो पप्पू गिरी करेंगे. ये एक तरह से किसानों का मजाक उड़ा रहे हैं.

वहीं, देश के 12 राज्यों में SIR के ऐलान को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए एनसीपी पवार गुट के विधायक रोहित पवार ने कहा है कि चुनाव आयोग की तरफ कौन जवाब दे रहा है. बीजेपी उनकी तरफ से जवाब दे रही है. जब हमारे नेता चुनाव आयोग गए तो किसने आलोचना की? बीजेपी ने किया था. अगर हम चुनाव आयोग से बात कर रहे हैं तो बीजेपी जवाब क्यों दे रही है. दुर्भाग्य से चुनाव आयोग वही कर रहा है जो बीजेपी कह रही है.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, आदित्य ठाकरे ने वर्ली विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे डुप्लिकेट नाम मृत मतदाता और फर्जी एंट्रियों के जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया विकृत किया गया है. आदित्य ने इसे जनादेश की चोरी बताते हुए नागरिकों से अपील की कि वे अपने क्षेत्र की मतदाताओं की जांच करें और किसी भी गड़बड़ी की तुरंत रिपोर्ट करें.

शिवसेना यूबीटी नेता ने दावा किया कि उनकी टीम ने अपनी जांच में कई तरह की अनियमितताएं पाई हैं. जैसे, एक ही नाम से कई बार पंजीकरण यानी डुप्लिकेट मतदाता, मृत व्यक्तियों के नाम वोटर लिस्ट में मौजूद, गलत या फर्जी फोटो वाले मतदाता, जिनके पास वैध EPIC नंबर नहीं है. एक ही पते पर कई मतदाताओं का मिलना. ये सभी प्वाइंट गड़बड़ियों की ओर इशारा कर रहे हैं.

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