मुख्यमंत्री योगी की कैबिनेट बैठक समाप्त, मीटिंग में नहीं शामिल हुए दोनों डिप्टी CM
लखनऊ , 8जून। लोकसभा चुनाव के बाद योगी मंत्रिमंडल की शनिवार को पहली बैठक हुई। इस दौरान दोनों डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य नहीं पहुंचे। सहयोगी दलों की तरफ से आशीष पटेल, ओम प्रकाश राजभर संजय निषाद और अनिल कुमार बैठक में मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से उनके विभाग के कामकाज के बारे में जानकारी ली और राज्य में चल रही योजनाओं को और तेज गति से बढ़ाने के निर्देश दिए।
यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि मुख्यमंत्री ने राज्य को उत्तम प्रदेश बनाने और गुड गवर्नेंस पर चर्चा की। सभी मंत्रियों को उनकी जिम्मेदारी का निर्वाह करने, प्रभार जनपदों और क्षेत्र पर ध्यान देने को कहा गया। विभाग में अच्छा प्रदर्शन करने के निर्देश दिए गए हैं।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आज सभी मंत्रियों के साथ बैठक की उसमें उनके विभाग में चल रही योजनाओं की क्या स्थिति है, इस पर रिपोर्ट मांगी। दो माह आचार संहिता के कारण रुके कामों को कैसे तेज गति प्रदान की जाए, इस पर भी चर्चा हुई। यह जो टाइम खराब हुआ है, उसे कैसे रिकवर करना है, इस पर भी चर्चा हुई है। इसे रूटीन बैठक कह सकते हैं। जयवीर सिंह ने कहा कि अब हम अपने विभाग की समीक्षा करेंगे इसके लिए बैठक बुलाएंगे। सारे रुके हुए काम तेजी से शुरू होंगे।
अल्पसंख्यक राज्य मंत्री दानिश आजाद ने बताया कि जनता से जुड़े मुद्दे बिना देरी के सुलझाए जाएं, जनसुनवाई करें। जनता की हर शिकायत का निस्तारण करें। आचार संहिता के कारण रुके कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि नरेंद्र मोदी को तीसरी बार पीएम बनने पर उन्हें बधाई दी गई। घोसी सीट पर मिली हार का कारण उन्होंने सपा और कांग्रेस के संविधान को लेकर झूठ फैलाना बताया। विपक्ष सिर्फ अफवाह फैला रहा है। तीसरी बार एनडीए की सरकार न सिर्फ बनने जा रही है, बल्कि और अच्छी तरह से चलेगी। मंत्री संजय निषाद ने कहा, नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन रहे हैं। इससे देश में खुशी की लहर है। लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन पर कहां चूक हुई, उस पर चर्चा कर सुधार किया जाएगा।
ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री तेजी से काम में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री ने दिल्ली से लौटते ही अधिकारियों के साथ बैठक की थी। कानून व्यवस्था सख्त करने के निर्देश दिए थे। इसके पहले उन्होंने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव के साथ समीक्षा बैठक की थी। उन्हें विभाग में खाली पड़े पदों पर भर्ती करने के साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया था।