सावन माह के पहले सोमवार पर बम-बम भोले के जयकारों से गूंजी छोटी काशी भिवानी
श्रावण माह के पहले सोमवार पर छोटी काशी के मंदिरों में दिखी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
भिवानी,(ब्यूरो): श्रावण माह के पहले सोमवार पर छोटी काशी के नाम से मशहूर भिवानी के विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की तथा देश की सुख-समृद्धि की कामना की। भिवानी शहर जो छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध है, इसमें छोटे-बड़े करीब 400 से अधिक मंदिर हैं। शहर के सभी मंदिरों में श्रावण माह के पहले सोमवार पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की गई। इस अवसर पर संत-महात्माओं, मंदिरों के पुजारियों व व्रतधारियों ने भगवान शिव की पूजा अर्चना की और शिवलिंग पर गंगाजल व बेलपत्र चढ़ाकर भगवान शिव की आराधना की। भिवानी के जोगीवाला शिव मंदिर के महंत वेदनाथ महाराज ने बताया कि श्रावण माह का सोमवार भगवान शिव के पूजन के लिए श्रेष्ठ दिन माना गया है। वैसे तो पूरे श्रावण में ही शिवजी की आराधना की जाती है, लेकिन श्रावण माह के सोमवार का महत्व अधिक होता है। माह के सोमवार का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सौभाग्य के लिए करती हैं। इस माह में शिवजी की प्रसन्नता के लिए लघुरुद्र, महारुद्र, अतिरुद्र पाठ करना चाहिए, हर सोमवार को व्रत करना चाहिए। श्रीमहंत डा. अशोक गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव का नाम नील कंठ भी है, जिन्होंने समुद्र मंथन के समय जहर निकला था, उसका पान किया था। उसी जहर की अग्नि शांत करने के लिए भगवान को गंगाजल चढ़ाया जाता है। उन्होंने कहा कि श्रावण मास में शिव महापुराण का पाठ करना और श्रवण करना शुभ माना गया है। ये व्रत सभी कामनाओं को पूरा करने वाला होता है। सोमवार को वस्त्रों का दान करना चाहिए। इस दिन अन्न दान करने की भी परंपरा है।
भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे श्रद्धालु सीमा, छवि, पिंकी व राजेश ने कहा कि सावन माह के पहले सोमवार के दिन उन्होंने परिवार की सुख, शांति व समृद्धि के लिए भगवान शिव को गंगाजल चढ़ा कर खुश किया है। उन्होंने व्रत रखा है, ताकि भगवान शिव की कृपा उन पर बनी रहे।




