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पुणे पोर्शे कार हादसे में छोटा राजन की एंट्री! अग्रवाल परिवार ने 17 साल पहले इस मामले में दी थी सुपारी

पुणे के पोर्शे कार हादसे को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. नाबालिग आरोपी वेदांत अग्रवाल आज यानि बुधवार को जुवेनाइल कोर्ट में पेश हो सकता है. वहीं, अब इस मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के नाम की भी एंट्री हो गई है. केस में मुख्य आरोपी वेदांत अग्रवाल (17 साल) के परिवार के अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन से संबंध होने की जानकारी सामने आई है. अग्रवाल परिवार के मुखिया सुरेंद्र अग्रवाल जो कि नाबालिग आरोपी के दादा हैं, उनका अपने भाई के साथ संपत्ति विवाद चल रहा था. इसी विवाद के निपटारे के लिए सुरेंद्र अग्रवाल ने साल 2007 और 2008 के दरम्यान बैंकॉक में जाकर छोटा राजन से मुलाकात की थी.

इसके बाद अजय भोसले नाम के एक व्यक्ति की हत्या की कोशिश की गई थी. इस मामले में सुरेंद्र अग्रवाल पर भी एफआईआर दर्ज थी. उस समय इस केस में भी पुणे पुलिस सवालों के घेरे में थी, क्योंकि आम तौर पर अंडरवर्ल्ड से जुड़े मामलों में महाराष्ट्र पुलिस मकोका के तहत एफआईआर दर्ज करती है. लेकिन इस केस में आईपीसी के तहत सिर्फ सामान्य धाराएं लगाई गईं. सुरेंद्र अग्रवाल की चार्जशीट फाइल होने तक तो गिरफ्तारी भी नहीं हुई. बाद में जब छोटा राजन की गिरफ्तारी के बाद उसके सभी मामले सीबीआई को ट्रांसफर किए गए, तो अग्रवाल से जुड़ा ये केस भी उसमें शामिल था.

18 मई को जब पुणे में हुए रोडरेज मामले के बाद नाबालिग आरोपी को वीआईपी ट्रीटमेंट मिला, तो उसके बाद कई कड़ियां सामने आने लगीं. छोटा राजन से जब अग्रवाल परिवार के संबंधों का पता चला तो यह साफ हो गया कि इस परिवार की पकड़ सिर्फ पुणे पुलिस तक ही नहीं, बल्कि अंडरवर्ल्ड तक है. उधर, पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे ने एक्सीडेंट के बाद मचे बवाल के बीच उन दोनों पब को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है.

क्या है पूरा मामला?

18 मई को पुणे में 17 साल के नाबालिग वेदांत अग्रवाल ने शराब के नशे में धुत होकर हाई स्पीड पोर्शे गाड़ी से 2 लोगों की जान ले ली. इस मामले में नाबालिग को पकड़ लिया गया और 15 घंटे के अंदर ही उसे जमानत भी दे दी गई. फिर कोर्ट ने उसे 300 शब्दों का रोड सेफ्टी पर एक निबंध लिखने को कहा. मामला तभी से तूल पकड़े हुए है. मृतका अश्विनी कोष्ठा और अनीश अवधिया के घर वाले लगातार न्याय की मांग कर रहे हैं.

मामले में फिलहाल पुलिस ने नाबालिग के पिता और जाने माने बिल्डर विशाल अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है. इसके अलावा नाबालिग को शराब परोसने के आरोप में कोसी रेस्टोरेंट मालिक नमन प्रल्हाद भूतड़ा और प्रबंधक सचिन अशोक काटकर, होटल ब्लैक के मैनेजर संदीप रमेश सांगले और बार काउंटर मैनेजर जयेश सतीश बोनकर को भी गिरफ्तार किया गया है. इस केस में कुल पांच गिरफ्तारियां हुई हैं.

गिरफ्तारी से बचने के लिए की कोशिश

विशाल अग्रवाल, नाबालिग बेटे की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही सबसे पहले दौंड स्थित अपने फार्म हाउस में गया. फिर वहीं से कोल्हापुर फरार हो गया. यहां वो अपने एक दोस्त से मिला और ड्राइवर को कार लेकर वापस भेज दिया, ताकि पुलिस की जांच को भटकाया जा सके. दोस्त की कार लेकर विशाल फिर संभाजी नगर चला गया. यहां तक कि उसने परिवार को भी गलत जानकारी दी की वो मुंबई जा रहा है. उसने इसके बाद अपना फोन बंद कर दिया, लेकिन उसे ये नहीं पता था कि दोस्त की कार में जीपीएस सिस्टम है. पुलिस उसी जीपीएस और सीसीटीवी फुटेज के सहारे संभाजी नगर तक पहुंच गई और एक लॉज से उसे गिरफ्तार कर लिया.

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