छाती में दर्द, सास फूलना, कमजोरी आना, भूख ना लगना सिलिकॉसिस बीमारी के लक्षण :डा. हरेंद्र मान
डा. हरेंद्र मान ने सीमेंट व पत्थर से संबधित कारखानो पर कार्यरत मजदूरों को किया जागरूक

तोशाम, (वीरेन्द्र): श्रम विभाग के लेबर कमिश्नमर मनीराम शर्मा के निर्देशानुसार भिवानी के सहायक निदेशक औद्योगिक स्वास्थ्य कम सर्टिफायिंग सर्जन डा. हरेंद्र मान ने गांव हाजमपुर में सीमेंट व पत्थर से संबधित कारखानों पर कार्यरत मजदूरों को व्यावसायिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया तथा व उनके स्वास्थ्य की जांच की। इस मौके पर डा. हरेंद्र मान ने बताया कि सीमेंट व पत्थर की धूल से सिलिकॉसिस जैसी फेफड़ों की घातक बीमारी होने की संभावना रहती है। इसलिए इस धूल में कार्य करते समय मास्क जरूर पहने व पानी का छिडक़ाव करें, ताकि धूल हवा में उडकऱ फेफड़ों मे ना जाएं। इसके साथ ही उन्होंने धूम्रपान बिलकुल ना करने की भी सलाह दी। उन्होंने सलाह दी कि तीन साल के कार्यकाल में छाती का एक एक्स-रे करवाकर चिकित्सक को जरूर दिखाए। सिलिकॉसिस बीमारी के लक्षण बताते हुए डा. हरेंद्र मान ने कहा कि छाती में दर्द, सास फूलना, कमजोरी आना, भूख ना लगना इत्यादि इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं। उन्होंने कहा कि यह बीमारी टीबी जैसी लगती है, इसकी पुष्टि के लिए हरियाणा सिलिकॉसिस डायग्नासिस बोर्ड गठित है। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग की स्वास्थ्य इकाई का उदेश्य सभी मजदूरों को जागरूक कर कार्य स्थल पर होने वाली बीमारियों से बचाया जा सके, ताकि वो ज्यादा से ज्यादा वर्षो तक स्वस्थ रहते हुए अपनी आजीविका चला सके व देश के निर्माण मे अपना भरपूर सहयोग दे सके। सभी फैक्ट्री मालिक अपने अधीनस्थ सभी मजदूरों की नियमित स्वास्थ्य जांच करवाये ताकि बीमारियों को शुरुआती दौर पर पता लगा कर इलाज करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि सिलिकॉसिस बीमारी की पुस्टि होने पर श्रम विभाग हरियाणा सरकार द्वारा सिलिकॉसिस पूनर्वास नीति के तहत 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी दी जाती है। इस मौके पर कार्यालय के मोहित, रघुवीर व अंकित भी मौजूद रहे।