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हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने भिवानी में महिला टीचर मनीषा के मामले में की पत्रकार वार्ता

डीजीपी बोले : अब यह मामला सीबीआई को सौंपा जा रहा है, केस सौंपने की औपचारिकताएं पूरी करने का कार्य किया जा रहा

परिजनों की मांग व राज्य सरकार के परिजनों को दिए गए कमेटमेंट के चलते सीबीआई को केस सौंपा जा रहा, प्रदेश के डॉक्टरों व वैज्ञानिकों की निष्ठा पर नहीं है कोई प्रश्रचिह्न : डीजीपी
मनीषा मामले में अभी काफी मैडिकल रिपोर्ट के परिणाम आना बाकी, रिपोर्ट आने के बाद सीबीआई को सौपी जाएगी
प्रसिद्धि की चाह में सुर्खियां बटोरने के लिए वीडियो बनाने वाले शरारती तत्वों पर भी की गई है कार्रवाई
प्रसिद्धि की चाह में लोकतंत्र पर प्रश्र चिह्न लगाने का प्रयास करने वाले सोशल मीडिया इंफुवेंसर को किया जा रहा चिह्नित
भिवानी, (ब्यूरो): हरियाणा प्रदेश के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने भिवानी जिला के ढ़ाणी लक्ष्मण की महिला टीचर मनीषा की संदिग्ध हालत में शव मिलने व इसको लेकर हुए आंदोलन के मामले में भिवानी में पत्रकार वार्ता आयोजित कर कहा कि अब यह मामला सीबीआई को दे दिया गया है। अब जांच का आगे का कार्य सीबीआई करेगी। इसको लेकर राज्य सरकार व केंद्र सरकार नोटिफिकेशन जारी करेगी। इस केंद्र से संबधित सभी एवीडेंस सीबीआई को उपलब्ध करवा दिए जाएंगे। उन्होंने मनीषा को लेकर कहा कि हमने युवा बेटी को खो दिया है। वे दुख की इस घड़ी में परिवार के साथ खड़े है। परिवार की मांग व आमजन की मांग पर इस मामले में तीसरी बार दिल्ली ऐम्स से पोस्टमार्टम भी करवा दिया गया है। जिसकी रिपोर्ट जल्द आ जाएगी। इससे पहले दो बार पोस्टमार्टम भिवानी व रोहतक पीजीआई में करवाया गया। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मापदंडों को अपनाते हुए पोस्टमार्टम करवाया गया है। जिसमें फोरेंसिक एक्सपर्ट की मदद भी ली गई है। उन्होंने साफ किया कि उन्हे वैज्ञानिकों व डॉक्टरों की निष्ठा पर कोई प्रश्र चिह्न नहीं है, बल्कि परिवार की मांग तथा राज्य सरकार के कमेटमेंट के चलते सीबीआई को यह केस सौंपा गया है।
डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने इस सारे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यह बेटी 11 अगस्त को प्रतिदिन की तरह डेढ़ बजे जिस बस से आती थी, उसने उस बस के ड्राईवर को फोन कर बता दिया था कि वह नहीं जाएगी। जिसके बाद वही बाजार के कीटनाशक दुकान से कीटनाशक खरीदने के साक्ष्य पाए गए। बाजार में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी उसे देखा गया तथा इस संबंद्ध में जिस दुकानदार से कीटनाशक खरीदा है, उसके ब्यान भी दर्ज कर लिए गए है। उसके बाद सीसीटीवी के कोई साक्ष्य नहीं मिले है। 13 अगस्त को मनीषा के शव के बारे में प्रारंभिक जानकारी मिली, जब एक खेत मालिक ने एक लडक़े को काम पर रखा था, उसने आवारा कुत्तों का एक झुंड इस शव को नोच रहा था। खेत मालिक के काम पर रखे लडक़े ने एक अन्य व्यक्ति की मदद से कुत्तों के इस झुंड को शव से दूर किया, जिसके बाद पुलिस को बुलाकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई करवाई गई। प्रथम दृष्टि में पुलिस को भी जिस प्रकार से शव की स्थिति थी, उसको देखकर हत्या का मामला लगा था। डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि इस संबंद्ध में जो सुसाईड नोट मिला था, उसके सही होने तथ्यों की जांच में समय लगा तथा एक्सपर्ट की मदद ली गई। हालांकि किसी भी बेटी के व्यक्तिगत मामलों को प्रथम दिन ही साक्ष्यों को जांचे बगैर सार्वजनिक करना उचित नहीं होता। इसीलिए लैटर की सत्यता सही पाए जाने पर ही यह बाहर आया है। आवारा पशु जहर खाए हुए शव को नोंचने का कार्य अक्सर कम ही करते है, इस प्रश्र के जवाब में उन्होंने बताया कि जब भी शरीर में जहर जाता है तो जहर शरीर के अंदुरूनी में फैलता है। त्वचा व गर्दन जैसी बाहरी अंगों में सबसे लेट पहुंचता है। हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने इस सारे घटनाक्रम को लेकर सोशल मीडिया के नाम पर लोगों को भ्रमित करने वाले तथाकथित कैमरे से वीडियो बनाने वाले लोगों को आगाह किया कि सुर्खियां बटोरने के लिए शरारती तत्व इस प्रकार के माहौल में गलत तथ्यों को पेश करने का प्रयास करते है। ऐसे लोगों को चिह्नित करके उन पर कार्रवाई भी की गई है। इसके साथ ही कुछ और भी ऐसे यूट्यूबर व वीडियो बनाने वाले लोगों को चिह्नित किया जा रहा है, जिन्होंने इस सारे मामले में भ्रम फैलाया है। ऐसे लोगों के चलते लोकतंत्र पर प्रश्र चिह्न खड़े होते है। ऐसे ट्यूबरों को प्रदेश स्तर पर हरियाणा पुलिस द्वारा चिह्नित करने का कार्य किया जा रहा है। जो भी बड़े आंदोलन या घटनाक्रम होते है, उनमें ऐसे लोग पहुंचकर सुर्खियां बंटोरने व अपने आप को प्रसिद्ध करने के उद्देश्य से लोकतंत्र पर प्रश्र चिह्न लगाने का कार्य करते है। उन पर अब कार्रवाई की जा रही है।

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