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विद्यार्थी विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए विचारों और नवाचारों को जन्म दें: पवन

भिवानी (ब्यूरो): जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के चेयरमैन व जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीआर चालिया के मार्गदर्शन में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) भिवानी में विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी बारे जागरूक किया गया। सेमिनार कार्यक्रम की अध्यक्षता सीजेएम-कम-सचिव पवन कुमार ने की।
सीजेएम पवन कुमार ने कहा कि सेमिनार का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों से परिचित कराना है। इसके अलावा इस दिशा में कैरियर बनाने के लिए प्रेरित करना है। हर साल 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। जो भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी उन्नति का प्रतीक है। यह दिन उन महान वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को श्रद्धांजलि देने का अवसर है, जिन्होंने देश को वैश्विक मंच पर एक सशक्त विज्ञान शक्ति के रूप में प्रस्तुत किया।
उन्होंने बताया कि 11 मई 1998 को भारत ने राजस्थान के पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण कर पूरी दुनिया को अपनी वैज्ञानिक शक्ति का परिचय दिया था। इसी दिन डीआरडीओ ने त्रिशूल मिसाइल का सफल परीक्षण भी किया, जिसे भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया। त्रिशूल, भारत के समन्वित गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम का एक हिस्सा थी, जिससे पृथ्वी, अग्नि, और आकाश जैसी अत्याधुनिक मिसाइल प्रणालियों का भी जन्म हुआ।
सीजेएम पवन कुमार ने कहा कि भारत की वैज्ञानिक यात्रा पोखरण से लेकर मंगलयान मिशन तक प्रेरणादायक रही है। उन्होंने युवाओं को आह्वान किया कि वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए विचारों और नवाचारों को जन्म दें।
इस अवसर पर लीगल एड डिफेन्स काउंसिल के डिप्टी चीफ अधिवक्ता नरेन्द्र काटिवाल ने कहा कि आज के युवाओं को केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि नवाचार कर्ता बनना होगा। संस्थान इस दिशा में हर संभव प्रयास कर रहा है। इस दौरान आईटीआई स्टाफ व विद्यार्थी मौजूद थे।

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