बृजभूषण पर आरोप तय, बेहद मुश्किल रही महिला पहलवानों की लड़ाई, महीनों तक सड़कों पर किया प्रर्दशन
नई दिल्ली, 11मई। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट मेंं शुक्रवार (10 मई) को बृजभूषण सिंह के खिलाफ 5 महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण मामले में आरोपों को तय कर लिया गया है. इसके चलते बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ IPC की धारा 354, 354A के तहत आरोपों को निश्चिच कर लिया गया है. इस फैसले के बाद महिला पहलवानों ने खुद को इंसाफ दिलवाने को लेकर अपना एक और कदम बढ़ाया है. जिस इंसाफ के लिए वो महीनों से सड़क से लेकर अदालत के बाहार प्रर्दशन कर रही थी अखिरकार उसको लेकर महिला पहलवानों को बहुत बड़ी राहत मिली है. आपको बता दें कि महिला पहलवानों के लिए ये सफर बिल्कुल भी आसान नहीं रहा है, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पुलिस ने 15 जून, 2023 को चार्जशीट दायर की थी.
महिला पहलवानों के लिए इस सफर में कई कठिनाइयां थीं. उन्हें न सिर्फ फिजिकल, बल्कि सामाजिक और मानसिक तौर पर भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पुलिस ने 15 जून, 2023 को चार्जशीट दायर की थी, जिससे उनके खिलाफ मामला और बढ़ गया. ये सब घटनाएं साबित करती हैं कि कई बार अदालत तक पहुंचना जिन्दगी की सबसे बड़ी और कठिन लड़ाई होती है. महिला पहलवानों ने इस लड़ाई में हिम्मत और साहस दिखाया, जिससे उन्हें अंत में इंसाफ मिला. इस घटना से समाज को जागरूक होने का संदेश मिलता है कि हर किसी के लिए इंसाफ की बात करना जरूरी है और इसकी जिम्मेदारी हम सभी को संभालनी चाहिए.
पिछले साल से ही भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और महिला पहलवानों के बीच विवाद चल रहा है. महिला पहलवानों ने बृजभूषण शरण के ऊपर यौन शोषण के कई आरोप लगाए, उसके खिलाफ कई प्रर्दशन किए जिसके चलते महिलाओं की कुश्ती पर काफी प्रभाव पड़ा लेकिन इन सब के बावजूद भी भारत की महिला पहलवानों ने अपने हौसले को बुलंद रखते हुए देश को पेरिस ओलिंपिक में कोटा दिलवाया. ये पहली बार होगा कि जब इतनी बड़ी संख्या में महिला पहलवान भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी.