प्रदोष व्रत के दिन इन मंत्रों का करें जाप, जीवन में नहीं आएंगी बाधाएं!
प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान शिव को समर्पित है. यह व्रत हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के समय भगवान शिव की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं. शनि दोष से पीड़ित लोगों के लिए प्रदोष व्रत बहुत लाभदायक होता है और इस व्रत को करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. भगवान शिव की कृपा से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यह व्रत दीर्घायु और स्वस्थ जीवन प्रदान करता है.
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने और विशेष मंत्रों का जाप करने से जीवन में कई तरह की बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि आती है. ये मंत्र सिर्फ शब्द नहीं बल्कि शक्तिशाली ऊर्जा के वाहक होते हैं. इनके उच्चारण से मन शांत होता है, तनाव कम होता है और व्यक्ति आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाता है.
पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 दिसंबर को देर रात 02 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी और 29 दिसंबर को देर रात 03 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में 28 दिसंबर को वर्ष का अंतिम प्रदोष व्रत किया जाएगा. इस दिन शनिवार होने की वजह इसे शनि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा.
इन मंत्रों का करें जाप
महामृत्युंजय मंत्र
यह मंत्र अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है और इसे मृत्युंजय मंत्र भी कहा जाता है. इस मंत्र का जाप करने से दीर्घायु, स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है.
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ||
शिव पंचाक्षरी मंत्र
यह मंत्र भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र है. इसका जाप करने से मन शांत होता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है.
मंत्र: ॐ नमः शिवाय
शिव गायत्री मंत्र
यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित गायत्री मंत्र है. इसका जाप करने से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है.
मंत्र: ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्
शिव तांडव स्तोत्र
यह स्तोत्र भगवान शिव के तांडव रूप का वर्णन करता है. इसका पाठ करने से शक्ति और उत्साह मिलता है.
शिव स्तुति
आप अपनी पसंद का कोई भी शिव स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं.
इन मंत्रों का जाप करने के लाभ
- मन की शांति: इन मंत्रों का जाप करने से मन शांत होता है और तनाव दूर होता है.
- रोगों से मुक्ति: ये मंत्र कई प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाते हैं.
- सुख-समृद्धि: इन मंत्रों का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
- मनोकामनाओं की पूर्ति: ये मंत्र मनोकामनाओं को पूरा करने में सहायक होते हैं.
- शनि दोष का निवारण: शनि दोष से पीड़ित लोगों के लिए ये मंत्र बहुत लाभदायक होते हैं.
प्रदोष व्रत के दिन पूजा का समय
प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करना बहुत शुभ होता है. प्रदोष काल सूर्यास्त के समय से लेकर रात के 10 बजे तक होता है. प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और बेलपत्र चढ़ाएं. धूप-दीप जलाएं, शिव मंदिर में जाकर पूजा करें, गरीबों को भोजन कराएं, दान करें.