उत्तर प्रदेश

24 का चक्रव्यूहः चंदौली में सपा से सीधे मुकाबले में फंसे नजर आ रहे केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कर्मभूमि वाराणसी से सटी चंदौली संसदीय सीट भी प्रदेश की हॉट सीट की श्रेणी में गिनी जाती है। इस सीट पर केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय जहां हैट्रिक लगाने को आतुर हैं तो उनकी राह में रोकने को सपा उम्मीदवार पूर्व...

चंदौलीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कर्मभूमि वाराणसी से सटी चंदौली संसदीय सीट भी प्रदेश की हॉट सीट की श्रेणी में गिनी जाती है। इस सीट पर केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय जहां हैट्रिक लगाने को आतुर हैं तो उनकी राह में रोकने को सपा उम्मीदवार पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह भी पूरी तरह मुस्तैद है। वैसे तो इस सीट पर मुख्य मुकाबले में सपा ही नजर आ रही है लेकिन बसपा के सत्येंद्र कुमार भी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं। भाजपा उम्मीदवार जहां खुद के द्वारा कराए गए विकास कार्यों और मोदी की गारंटी के नाम पर वोट मांग रहे हैं तो सपा और बसपा मतदाताओं को यह बताने में लगी हैं कि भाजपा पुनः सत्ता में आई तो संविधान बदल देगी और आरक्षण समाप्त कर देगी।

मतदाताओं ने हर दल को दिया जीत का मौका 
चंदौली के मतदाताओं ने हर दल को जीत का मौका दिया। किसी को भी निराश नहीं किया। बसपा, सपा, कांग्रेस, जनता पार्टी, जनता दल सभी के उम्मीदवार यहां से जीत चुके हैं। 1991 की राम लहर में यहां के मतदाताओं ने भाजपा को पहली बार अपनाया था। इसके बाद 1996 और 1998 में भी भाजपा के उम्मीदवार यहां से जीते। तीनों ही चुनावों में भाजपा ने आनंद रत्न मौर्य पर ही दांव लगाया और वे हर बार नेतृत्व की उम्मीदों पर खरे उतरे। जब 1999 का चुनाव हुआ तो समाजवादी पार्टी ने यहां से से जवाहर जयसवाल को मैदान में उतार दिया। जवाहर जयसवाल ने इस सीट को सपा की झोली में डाल दिया था पर जब 2004 में चुनाव हुआ तो मतदाताओं ने सपा के बजाय बसपा को तरजीह दी। पार्टी के उम्मीदवार पूर्व सांसद कैलाश नाथ यादव पुनः सांसद बनने में कामयाब हो गए थे। पहली बार वे जनता दल के टिकट पर 1989 में चुने गए थे। 2009 के चुनाव में सपा के रामकिशुन यादव यहां से जीते लेकिन 2014 की मोदी लहर में डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने भगवा यहां से लहराया और फिर दोबारा वे 2019 में भी जीते। इस बार वे हैट्रिक लगाकर अपनी ही पार्टी के सांसद रहे आनंद रत्न मौर्य के रिकार्ड की बराबरी कराना चाहते हैं। वे इसमें कितना सफल होते हैं ये तो वक्त ही बताएगा।

सिर्फ 13,959 वोट से जीते थे महेंद्रनाथ पांडेय
2019 के लोकसभा चुनाव में डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय को सपा उम्मीदवार संजय सिंह चौहान से कड़ी टक्कर मिली थी। बसपा से गठबंधन कर चुनावी समर में उतरी सपा से डॉ. पांडेय मात्र 13,959 वोटों के अंतर से ही जीत पाए थे। जबकि 2014 के चुनाव में जब सपा और बसपा अकेले मैदान में उतरीं थीं तो उन्होंने बसपा के अनिल कुमार मौर्य को 1,56,756 मतों के अंतर से हराया था।

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