
भिवानी, (ब्यूरो): हरियाणा राज्य विधिक सेवायें प्राधिकरण के आदेशानुसार एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन व जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीआर चालिया के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं सीजेएम पवन कुमार ने बताया कि शनिवार को जिला मुख्यालय के अलावा तोशाम, सिवानी व लोहारू न्यायिक परिसर में भी इस वर्ष की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। सीजेएम पवन कुमार ने बताया कि लोक अदालत वैकल्पिक विवाद समाधान की एक प्रणाली है जो भारत में बदलते समय के साथ एक प्रणाली के रूप में स्थापित हुई है। लोक अदालतें न केवल लंबित विवाद या पार्टियों के बीच उत्पन्न होने वाले विवादों को सुलझाती हैं, बल्कि यह सामाजिक सद्भाव को भी सुनिश्चित करती है क्योंकि विवाद करने वाले पक्ष अपने मामलों को अपनी पूर्ण संतुष्टि के साथ सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाते हैं। इससे अदालतों के लंबित मामलों में कमी आती है, क्योंकि अपील और संशोधन के रूप में आगे की कार्यवाही को भी समाप्त कर पक्षों की सहमति से मामलों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाया जाता है और त्वरित और प्रभावी तरीके से न्याय दिलाने के लिए उन्हें उपलब्ध कराया जाता है। विवाद के निपटारे के अलावा, पक्षकारों को मामलों की उनके द्वारा भुगतान की गई अदालती फीस की वापसी का लाभ होता है। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पवन कुमार ने कहा कि लोक अदालत में अपराधिक मोटर वाहन दुर्घटना, पारिवारिक मामले, चालान, बैंक ऋण, दीवानी मामले, चेक बाउंस, राजस्व आदि से संबंधित मामले रखे गए। उन्होंने बताया इस आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में भिवानी की लोक अदालत में रखे गए कुल 22762 में से 20365 मामलों का निपटारा गया तथा 121894715/- रुपये की कुल राशि का निपटान किया गया। जो कि लोहारू में 205 में से 105, तोशाम में 61 में से 58, सिवानी में 208 में से 104 मामलों का मौके पर ही निपटारा किया गया। इस दौरान प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने बताया कि जिला मुख्यालय पर प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट भिवानी जसवीर सिंह सिद्धू , अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनीष कुमार, सीजेएम भिवानी मीता कोहली, सीजे-जेडी-कम-जेएमआईसी भिवानी अंतरप्रीत सिंह, सीजे-जेडी-कम-जेएमआईसी भिवानी सृष्टि, एसीजे-एसडी-कम-एसडीजेएम सिवानी मोहम्मद जकारिया खान, एसीजे-एसडी-कम-जेएमआईसी तोशाम सुनील कुमार तथा सीजे-जेडी-कम-जेएमआईसी लोहारु हिमांशु जांगड़ा आदि की कोर्टों में मामले रखे गए। इस दौरान दोनों पक्षों के अभिवक्तागण, पैनल अधिवक्तागण, अधिकार मित्र (पीएलवी) और कानून के विद्यार्थी भी मौजूद रहे।