हरियाणा

शादीशुदा जीवन में बेवफाई के मामले बढ़े, युवा विदेश में भी कर रहे शादी, रेनू भाटिया बोलीं—”NRI में 35 मामले सामने आए”

पंचकूला: आज के दौर में कमजोर होती रिश्तों की डोर को कहीं पर सहयोग की तो कहीं पर सख्ती की भी जरूरत है. कमजोर होते पारिवारिक रिश्तों को मजबूती देने का काम हरियाणा में महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया बखूबी करती हैं. यही वजह है कि पीड़ित महिलाओं को न्याय की उम्मीद रेनू भाटिया से रहती है. अब रेनू भाटिया ने कहा है कि “विवाहित रिश्तों में हो रहे विवाद के इजाफे को देखते हुए अब सख्ती से निपटा जाएगा. आयोग महिला अधिकारों की रक्षा, शिकायतों की जांच और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने को प्रतिबद्ध है”. महिला सशक्तिकरण के इन प्रयासों को लेकर रेनू भाटिया ने सेक्टर-2 स्थित आयोग के कार्यालय में जानकारी दी. यहां उन्होंने प्रदेशवासियों को दीपावली की अग्रिम बधाई और शुभकामनाएं भी दीं.

आयोग के पास 35 NRI मामले पहुंचे: रेनू भाटिया ने बताया कि “मौजूदा समय में आयोग के पास 30-35 NRI मामलो की शिकायतें पहुंची हैं. इन मामलों में आयोग पुलिस, दूतावास और विदेश मंत्रालय तक के माध्यम से पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाकर उन्हें राहत प्रदान करने का प्रयास कर रहा है”.

दांपत्य जीवन में धोखे के मामले बढ़े: रेनू भाटिया से बातचीत में पता लगा कि मौजूदा समय में हरियाणा में दांपत्य जीवन में धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं. अलग अलग मामलों में पति-पत्नी एक-दूसरे को धोखा दे रहे हैं. विवाहित होने के बावजूद भी पुरुष-महिला विवाहेतर संबंध (एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर) बना रहे हैं. रेनू भाटिया ने आयोग के पास जिला करनाल से पहुंचे एक NRI मामले का उदाहरण भी दिया. इस मामले में युवक ने विदेश जाकर किसी अन्य लड़की से शादी कर ली. जबकि भारत में उसकी बीवी-बच्चे हैं. इसके बाद आयोग के पास ऐसे ही करीब 35 मामले पहुंचे, जिनमें से 12 सुलझा लिए गए हैं. रेनू भाटिया ने बताया कि “वर्ष के अंत तक 20 मामले सुलझा लिए जाएंगे”.

एक जैसे अपराध पर अलग मापदंड सही नहीं: रेनू भाटिया ने कहा कि “यदि कोई गरीब, रिक्शावाला व्यक्ति पत्नी से मारपीट व गाली-गलौज करे, तो सभी उसकी पिटाई कर देते हैं. लेकिन ऐसा यदि कोई प्रोफेसर, अफसर या पुलिसकर्मी करे तो फिर कोई कुछ नहीं कहता. ऐसा क्यों है? जबकि अपराध एक जैसा है, धारा वही है और कटघरा भी वही है. तो फिर अलग-अलग मापदंड क्यों, इस बारे सोचना होगा”.

सोशल मीडिया के दौर में दिशाहीन हुए युवा: आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि “आज का युवा सोशल मीडिया के कारण दिशाहीन हो गया है. लड़के-लड़कियों के बीच चैट में अजीबो-गरीब तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है. इस प्रकार की चैट को पढ़कर सोच में पड़ जाते हैं कि युवा आखिर किस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं”.

धोखा देकर इन देशों में जा रहे हैं युवा: रेनू भाटिया ने बताया कि “आयोग के पास कई एनआरआई मामले पहुंचे हैं, जिनमें लड़का-लड़की एक-दूसरे को धोखा देकर विदेशों में बस गए हैं. हरियाणा के ऐसे लोग जिन देशों में गए हैं, उनमें- साइप्रस, फिलिपिंस, श्रीलंका समेत कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बहुत मामले आए हैं. इसके अलावा, मलेशिया के भी 2-3 मामले सामने आए हैं”. उन्होंने बताया कि “डंकी विजा के मामले भी आयोग के सामने आए हैं, क्योंकि युवाओं को विदेश भेजने वाले इमीग्रेशन एजेंट/डीलर गलत दस्तावेजों व अन्य गलत तरीकों से वीजा लगवाने का प्रयास करते हैं”.

शैक्षणिक संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम: रेनू भाटिया ने बताया कि “आयोग द्वारा विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और स्कूलों में छात्राओं के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इन कार्यक्रमों में छात्राओं को साइबर क्राइम से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है. अब तक आयोग इस दिशा में 100 से अधिक कार्यक्रम आयोजित कर चुका है. इसके अलावा, कामकाजी महिलाओं को उनके कार्य स्थलों पर पॉक्सो एक्ट और साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया जा रहा है”

आयोग महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध: रेनू भाटिया ने कहा कि “आयोग महिलाओं संबंधी मुद्दों का अध्ययन करने के साथ उनकी कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित करने का काम करता है. आयोग महिलाओं को उनके परिवार और समुदाय से दरपेश आने वाली समस्याओं से राहत दिलाने का प्रयास करता है और कई मामलों में स्वतः संज्ञान भी लेता है”.

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